कूड़ा निस्तारण की विधिया बायोडिग्रेडेबल एवम नॉन।बायोडिग्रेडेबल
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नॉन-बायोडिग्रेडेबल वेस्ट भी दो प्रकार के होते हैं - पहला वह जिसे रीसायकल किया जा सकता है और दूसरा वह जिसे रीसायकल नहीं किया जा सकता है।
रीसायकल हो सकने वाले कचरे का एक आर्थिक मूल्य होता है पर फिर भी उसे कचरे में फेंक दिया जाता है। ऐसे कचरे को रिकवर करके पुनः उपयोग में लाया जा सकता है। जैसे - प्लास्टिक, पेपर, पुराना कपड़ा आदि।
रीसायकल न होने वाला कचरा ऐसा कचरा होता है जिसकी रिकवरी करने के बाद भी उसका कोई उपयोगिता मूल्य नहीं होता इसलिए यह रीसायकल करने योग्य नहीं होता। जैसे - कार्बन पेपर, थर्मोकोल, टेट्रा पैक्स आदि।
यह नॉन-बायोडिग्रेडेबल वेस्ट धरती पर इकठ्ठा होता रहता है और पर्यावरण को नुकसान पहुँचाता है। माइक्रो पार्टिकल्स और गैस के रूप में जल, ज़मीन और वायु में मिलकर यह जीवों के शरीर में प्रवेश करता है और हानि पहुंचाता है। इसलिए इस तरह के कचरे का निस्तारण समझदारी से करना बहुत आवश्यक है और उससे भी अधिक आवश्यक है ऐसे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कम से कम करना जिनसे इस तरह का नॉन-बायोडिग्रेडेबल वेस्ट उत्पादित होता है।