कौवा चले हंस की चाल और अपनी चाल भूल गया दूसरों की नकल करने में समझदारी नहीं इस विषय को आधार बनाकर अपने शब्दों में लिखें
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मंचन किया। लेखक मोलियार द्वारा लिखे गए इस नाटक में दिखाया गया कि राजा जमरूद ¨सह कौन बनेगा अरबपति नामक एक प्रतियोगिता जीत जाता है। प्रतियोगिता जीतने से पहले वह बहुत गरीब होता है लेकिन जीतने के बाद उसके ठाठ ही बदल जाते हैं और वह हर उस चीज को करने की कोशिश करता है जो कि अमीर लोग करते हैं। मसलन वह अपने घर में जिम ट्रेनर रखता है, कुत्ते पालता है और भी बहुत कुछ करता है। इस बीच मुस्सदी नाम का एक आदमी उसे बेवकूफ बनाकर कि वह उसे चुनाव लड़वाएगा, यह कहकर उससे पैसे हड़पता रहता है। जमरूद ¨सह जब गरीब होता है तो वह अपनी बेटी की शादी मिहिर नामक मैकेनिक से तय कर देता है, लेकिन जब वह अमीर बन जाता है तो वह अपनी बेटी का रिश्ता मिहिर से इसलिए तोड़ देता है क्योंकि वह गरीब होता है। जमरूद ¨सह को सबक सिखाने के लिए सभी लोग एक खेल रचते हैं, अंत में उसे अपनी भूल का एहसास होता है और वह सबसे माफी मांगता है। जमरूद ¨सह का पात्र ललित जोशी ने बहुत अच्छे से निभाया। अन्य पात्रों में अभिषेक, संजय, मुनमुन नजर आए।
कौवा चला हंस की चाल है सिर्फ एक कहावत है इसे बरैली में कमेंट मत करो कि किसी को उसका आंसर देना पड़ेगा