कोविड-19 महामारी पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए किसी समाचार पत्र के संपादक को एक पत्र लिखिए जिसमें लोगों को अधिक सावधान रखने का उपदेश दिए हो
Answers
Answer:
किसी महामारी के फैलने की जांच जासूसी पड़ताल जैसी ही होती है.
किसी जासूसी जांच में सबूतों के ग़ायब होने से पहले अपराध की जगह पर पहुंचना होता है, प्रत्यक्षदर्शियों से बात करनी होती है.
इसके बाद जांच की शुरुआत होती है. सबूतों की कड़ियों को जोड़ते हुए अगले वारदात से पहले हत्यारे को पकड़ लिया जाता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर की तमाम कोशिशों के बावजूद कोरोना महामारी का प्रकोप लगातार फैल रहा है और यह महामारी हर दिन हज़ारों लोगों की जान ले रहा है.
पहली चेतावनी
किसी वायरस का हमारे स्वास्थ्य पर क्या असर होगा और यह कितनी तेजी से फैलेगा, इसे समझने के लिए वायरस की शुरुआत के बारे में जानना ज़रूरी होता है. लेकिन कोरोना वायरस शुरुआत से ही लोगों को अचरज में डालता रहा है.
जब दुनिया 2020 के आगमन पर जश्न की तैयारी में जुटी थी तब चीन के वुहान सेंट्रल हॉस्पीटल के आपातकालीन विभाग के डॉ. ली वेनलियांग को सात मरीज़ मिले. ये सबके सब फेफड़े की बीमारी न्यूमोनिया से पीड़ित थे. इन सबको क्वारंटीन किया गया.
30 दिसंबर को अपने सहकर्मियों के साथ प्राइवेट वीचैट मैसेजिंग ऐप पर डॉक्टर ली वेनलियांग ने आशंका जताई कि क्या सार्स (सीवर एक्यूट रिस्पेरटरी सिंड्रोम) का नया दौर आ चुका है?
सार्स भी कोरोना वायरस का एक रूप है. पहली बार यह चीन में ही 2003 में सामने आया था. इसके बाद यह 26 देशों में फैला और इसकी चपेट में आठ हज़ार से ज़्यादा लोग आए थे.
हालांकि डॉ. ली ने जिस बीमारी की पहचान की थी, वह सार्स का दूसरा चरण नहीं था बल्कि कोविड-19 वायरस (सार्स-कोव-2) का पहला चरण था.
चीनी मीडिया के मुताबिक अपने सहकर्मियों के बीच इस बीमारी के फैलने की चेतावानी देने के तीन दिन बाद डॉ. ली को पुलिस ने आठ अन्य लोगों के साथ अफ़वाह फैलाने के आरोप में हिरासत में ले लिया.
काम पर लौटने के बाद डॉ. ली कोविड-19 से संक्रमित हो गए. महज 34 साल के डॉ. ली की मौत सात फरवरी को हो गई. परिवार में उनकी गर्भवती पत्नी और एक बेटा है.