किविता "एक फूल की चाह" मैं एक अछूत पिता अपने पुत्री की अंतिम इच्छा पूरी नहीं कर पाता दुसरी ओर पाठ " धर्म की आड़ " में स्वार्थी लोग धर्म के लिए मासूम लोगों को भड़का कर अपना स्वार्थ सिद्ध करते हैं। धर्म का हमारे जीवन में क्या महत्व हैं। तथा इसमें किस प्रकार से परिवर्तन होना चहिए? अपने शब्दों में लिखो।
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प्रस्तुत पाठ गुप्त जी की कविता 'एक फूल की चाह' का एक छोटा सा भाग है। ... इस कविता का मुख्य पात्र अपनी बेटी जिसका नाम सुखिया था, उसको बार-बार बाहर जाने से रोकता था। लेकिन सुखिया उसकी एक न मानती थी और खेलने के लिए बाहर चली जाती थी। जब भी वह अपनी बेटी को बाहर जाते हुए देखता था तो उसका हृदय डर के मारे काँप उठता था।
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धर्म मनुष्य मे जीवन के महत्व को स्पष्ट करता है, पवित्र भावनाओं को पैदा करता है एवं मानसिक तनाव व चिन्ताओं से दूर रखकर गलत, समाज विरोधी व धर्म विरोधी कार्यों के प्रति घृणा को पैदा करता है। इस तरह धर्म व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास करता है एवं उसे सुख समृद्धि हेतु धार्मिक नियमों के अनुरूप आचरण के लिए प्रेरित करता है।
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