Social Sciences, asked by singhchauhannitesh, 3 months ago

काव्य प्रयोजन की दृष्टि से मत सर्वमान्य है​

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Answered by bannybannyavvari
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काव्य प्रयोजन का अर्थ है काव्य रचना से प्राप्त फल। जैसे - धन, यश, आनंद आदि। ... भारतीय आचार्यों ने काव्य या साहित्य को सोद्देश्य माना है, अतः भरतमुनि से विश्वनाथ तक काव्य के प्रयोजन पर विचार करने की लंबी परंपरा रही है। इन मतों का ऐतिहासिक क्रम में विवेचन कर हम काव्य के प्रयोजन को स्पष्ट कर सकते हैं।

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