Hindi, asked by fahimsiddikalaskar, 12 hours ago

काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिए -
हस्ती चढ़िए ज्ञान कौ, सहज दुलीचा डारि।
स्वान रूप संसार है, भूँकन दे झख मारि।​

Answers

Answered by nishant10e2005
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Answer:

प्रस्तुत दोहे में कबीरदास जी ने ज्ञान को हाथी की उपमा तथा लोगों की प्रतिक्रिया को स्वान (कुत्ते) का भौंकना कहा है।

काव्य सौदंर्य –

(1) यहाँ रुपक अलंकार का प्रयोग किया गया है।

(2) दोहा छंद का प्रयोग किया गया है।

(3) यहाँ सधुक्कड़ी भाषा का प्रयोग किया गया है।

(4) यहाँ शास्त्रीय ज्ञान का विरोध किया गया है तथा सहज ज्ञान को महत्व दिया गया है।

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