Hindi, asked by mamtasikarwar3010, 1 month ago

काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
हस्ती चढ़िए ज्ञान कौ, सहज दुलीचा डारि।
स्वान रूप संसार है, भेंकन दे झख मारि।​

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Answered by shiksha78864
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Answered by Kim1Teahyung
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Answer Explanation:

  • इसमें कवि ने एक सशक्त चित्र उपस्थित किया है। सहज साधक मस्ती से हाथी पर चढ़े हुए जा रहे हैं।
  • और संसार-भर के कुत्ते भौंक-भौंककर शांत हो रहे हैं परंतु वे हाथी का कुछ बिगाड़ नहीं पा रहे। यह चित्र निंदकों पर व्यंग्य है और साधकों के लिए प्रेरणा है।
  • सांगरूपक अलंकार का कुशलतापूर्वक प्रयोग किया गया है

ज्ञान रूपी हाथी

सहज साधना रूपी दुलीचा

निंदक संसार रूपी श्वान

निंदा रूपी भौंकना

  • ‘झख मारि’ मुहावरे का सुंदर प्रयोग।
  • ‘स्वान रूप संसार है’ एक सशक्त उपमा है।

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