Hindi, asked by leexitjain1224, 2 days ago

काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
हस्ती चढ़िए ज्ञान को, सहज दुलीचा डारि। स्वान रूप संसार है, पूँकन दे झख मारि।​

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Answered by Answerssssss
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Answer:

Here is detailed answer

Explanation:

कबीरदास इस सबद से यह भाव प्रस्तूत कर रहे हैं-

हस्ती-हाथी

ज्ञान हाथी समान होता है उस जैसे विशाल हाथी पर सहजता कि दुलीचा या चादर दाल कर ही आगे बढ़ना चाहिए

पुर संसार स्वान यानी कुत्ते जैसा है पर आप उन स्वानो पे ध्यान ना दरकार एक सजन्ं के समान ज्ञान के प्रति आगे बड़ते रहे।

Dhyawaad

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