काव्यांश की भाषिक सौंदर्य पर टिप्पणी कीजिए
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करुणा , क्रोध , हर्ष , उत्साह आदि का विभिन्न परिस्थितियों में मर्मस्पर्शी चित्रण ही भाव सौंदर्य है। भाव सौंदर्य को ही साहित्य शास्त्रों ने रस कहा है। प्राचीन आचार्यों ने रस को काव्य की आत्मा माना है। श्रृंगार रस , वीर रस , हास्य रस , करुण , रौद्र , शांत , भयानक , अद्भुत तथा वीभत्स – नौ रस कविता में माने जाते हैं।
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