काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्त
"घर में विधवा रही पतोहू,
लछमी थी, यद्यपि पति घातिन,
पकड़ मँगाया कोतवाल ने,
डूब कुएँ में मरी एक दिन
नौ - Aइस कविता में मारी के प्रति व्यक्त विचारों पर टिप्पणी लिखिए
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(ख) इस कविता में मारी के प्रति व्यक्त विचारों पर टिप्पणी लिखिए-
कवि नारी के प्रति रुकने सामाजिक मानसिकता को दर्शाता है पुत्र की हत्या हो जाने के पश्चात किसान अपनी पतोहू मारी को गृहलक्ष्मी स्वीकार ता था पर अब प्रतिघात इनके आता है सुरक्षा के लिए तैनात सरकारी मुलाजिम कोतवाल जब उस विधवा मारी कि उसको बुलाता है तो तो वह कुएं में कूदकर आत्महत्या कर लेती है इस प्रकार वह कोतवाल उस विधवा मारी की मृत्यु का कारण बनता है किसान अपने बहू की मौत से इतना दुखी नहीं है वह कहता है कि औरत तो पैर की जूती के समान है एक नहीं रही तो दूसरी आएगी पर पुत्र की मौत याद आते ही दुख से उसकी छाती फटने लगती है इन्हें पढ़कर पाठक को स्पष्ट हो जाता है कि आज भी हमारा समाज संकीर्ण मानसिकता से ऊपर नहीं उठ पाया है और नारी को समाज में आज भी उचित सम्मान नहीं मिल रहा है
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