कोववड -19 ने हमारे पररवार, समाज और देश को ही नहीं बल्कक पूरे ववश्व को प्रभाववत ककर्ा है। सभी ने ककसी न ककसी परेशानी का सामना ककर्ा है। लेककन कहीं न कहीं इसका कुछ सकारात्मक प्रभाव भी पडा है । ककन ककन चीजों पर इसका सकारात्मक प्रभाव एवं नकारात्मक प्रभाव पडा, उन्हें केवल शब्दों के रूप में ललखिए। उन शब्दों के नाम भी ललिे जैसे अकारांत आकारांत इकारांत उकारांत आदद और उन शब्दों का वर्य ववच्छेद कील्जर्े। आपकी सुववधा के ललए नीचे उदाहरर् ददर्ा जा रहा है
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कोरोना वायरस वायरस का प्रकोप सबसे पहले 31 दिसंबर, 2019 को वुहान, चीन में हुआ था. अर्थव्यवस्था पर प्रभाव के बारे में विस्तार से पढ़ने से पहले, सबसे पहले कोरोना वायरस के बारे में जानते हैं.
कोरोना वायरस (CoV) वायरस का एक बड़ा परिवार है जो बीमारी का कारण बनता है. इससे आम सर्दी से लेकर Middle East Respiratory Syndrome (MERS-CoV) और Severe Acute Respiratory Syndrome (SARS-CoV) जैसी गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं. नॉवेल कोरोना वायरस वायरस का एक नया प्रकार है जो कि अभी तक मानव में नहीं पाया गया था.
हम इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं कि चीन और दुनिया के अन्य देशों में COVID-19 के प्रकोप से वैश्विक स्तर पर आर्थिक मंदी, व्यापार, सप्लाई चैन का व्यवधान, वस्तुओं और लोजिस्टिक्स सहित अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है.
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भारत के अलग-अलग हिस्सों में परिवार की बनावट और इसके आकार में हमें बहुत विविधताएं देखने को मिलती हैं. किसी भी परिवार के वर्गीकरण की सबसे महत्वपूर्ण कसौटी होती है, शादी का तरीक़ा और परिवार में लोगों के अधिकार.
भारत की आज़ादी के बाद से अब तक अलग-अलग राज्यों में परिवार की सरंचना में विविधताएं दिखती हैं.
हिमालय की तराई के जौनसर बावर इलाक़े में यानी देहरादून से लेकर लद्दाख तक हमें तरह-तरह की पारिवारिक संरचनाएं दिखती हैं. इस इलाक़े में एक स्त्री और एक पुरुष के वैवाहिक संबंध (मोनोगैमी) वाले परिवार, बहुपत्नी प्रथा (पॉलीगेमी) और बहुपति प्रथा (पोलिएंड्री) आम थे. हालांकि अब इनकी तादाद कम हो रही है और अब यहां समाज के ज़्यादातर तबक़ों में मोनोगैमी ही आम है.