Political Science, asked by anusuryachandra2584, 1 year ago

क्या आप बता सकते हैं की निजी प्रशासन और लोक प्रशासन में क्या अंतर है?

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Answered by anushka8184
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क्षेत्र और संगठन संबंधी अंतर- लोक प्रशासन का क्षेत्र व्यापक प्रभावी, विविध एवं जटिल होता है| जबकि निजी प्रशासन का क्षेत्र सिमित, समरूप और कम प्रभावी होता है| दोनों के क्षेत्र में अंतर होने के कारण दोनों के संगठन में भी अंतर व्यापक रूप से देखा जा सकता है|लाभ की दृष्टि से- लाभ की दृष्टि से भी दोनो में अथाह अंतर के तत्व को समझा जा सकता है| कोई भी निजी प्रशासक जब किसी कार्य की शुरुआत करता है तो वह उसमें विद्यमान सबसे पहले लाभ के तत्व को देखता है यदि उसको उसमें लाभ नहीं होता है तो वह उस कार्य को छोड़ देता है| परन्तु लोक प्रशासन में प्रशासक ऐसा नहीं सोचता है| वह सबसे पहले यह देखता है की अमुक कार्य जनहित में है या नही| यदि हाँ तो वह उस कार्य को निरंतर जारी रखता है|उत्तरदायित्व में अंतर- लोक प्रशासन तथा निजी प्रशासन के उत्तरदायित्व में भी अंतर होता है| लोक प्रशासन, कार्यपालिका तथा व्यवस्थापिका के प्रति अपने किये गए कार्यों के लिए उत्तरदायी होता है, जबकि वहीँ निजी प्रशासन अपने किये गए कार्यों के लिए किसी के भी प्रति उत्तरदायी नही होता|प्रक्रिया की दृष्टि से- निजी प्रशासन में सुविधानुसार व्यवहार किये जाते है| इसमें कार्य नियम-कानून से प्रभावित नहीं होता| जबकि वही लोक प्रशासन में खरीददारी, ठेके, टेंडर आदि सभी कार्य कुछ निश्चित नियमों के अनुसार किये जाते है| यह कोई  भी ऐसा कार्य नहीं कर सकता, जिसमें कानून की अनुमति न हो, अन्यथा वह कार्य अवैध भी ठहराया जा सकता है| पदोन्नति तथा भर्ती आदि में भी पर्याप्त प्रक्रिया होती है|व्यवहार की एकरूपता- लोक प्रशासन के व्यवहार में एकरूपता या समानता के तत्व पाए जाते है| बिना किसी भेदभाव तथा पक्षपात के लोकहित में की जाने वाले कार्यो को सबतक समान रूप से पहुँचाया जाता है| जबकि वही निजी प्रशासन में पक्षपात तथा विशिष्ट व्यवहारों की भरमार रहती है|एकाधिकार की दृष्टि से- लोक प्रशासन में प्रायः शासन का एकाधिकार रहता है तथा उन कार्यों को कोई भी घरेलू तौर पर नहीं कर सकता| जैसे- डाक, रेलवे आदि कार्यों का सम्पादन सरकारी तौर पर किया जाता है| निजी प्रशासन में एक ही प्रकार के उत्पाद को कई कम्पनियां उत्पादित कर सकती है|प्रचार की दृष्टि से- लोक प्रशासन व निजी प्रशासन में प्रचार की दृष्टि से भी अंतर पाया जा सकता है| लोक प्रशासन का प्रचार समाज में जागरूकता पैदा करता है तथा वह समाजोन्मुख होता है वही दूसरी ओर निजी प्रशासन का प्रचार भडकाऊ होता है|वित्तीय नियंत्रण की दृष्टि से- लोक प्रशासन में वित्त तथा प्रशासन पृथक-पृथक कार्य करते है| लोक प्रशासन में वित्तीय क्षेत्र में बाह्य नियंत्रण रहता है जबकि निजी प्रशासन में ऐसा नहीं होता| निजी प्रशासन में धन निवेशकर्ता के पास रहता है|सेवा सुरक्षा की दृष्टि से- लोक प्रशासन में निजी प्रशासन की अपेक्षा सेवाएँ अत्यधिक सुरक्षित रहती है| सरकारी कर्मचारियों को सुरक्षा का भरोशा रहता है| उनका कार्य काल, सेवा निवृत्ति निश्चित रहता है | निजी प्रशासन में लोगों को मनोवैज्ञानिकतः असहज महसूस होता है, क्योंकि पर्याप्त असफलता की स्थिति में निजी उद्योग बंद कर दिए जाते है| इस प्रकार उनमें स्थायित्व का कोई आश्वासन नहीं रह जाता|
Answered by Anonymous
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लोक प्रशासन और निजी प्रशासन हमेशा से मुख्य चर्चा के केंद्र में रहा है| इससे जुड़े संस्था से लेकर शिक्षार्थी तथा शोधार्थी तक इस विषय पर निरंतर कार्य करते रहे है| यही कारण है की आज इस विषय पर व्यापक रूप से कन्टेन्ट उपलब्ध है| अगर सरल शब्दों में पूछा जाए की लोक प्रशासन और निजी प्रशासन क्या है तो इसका उत्तर दिया जा सकता है की सरकारी कार्यों के प्रशासन को लोक प्रशासन कहा जाता है, जबकि सामान्य व्यक्ति या संस्था द्वारा चलायी जाने वाली प्रशासन निजी प्रशासन कहलाती है| लेकिन इन दोनों में क्या समानता और विभिन्नता है यह

विचार-विमर्श का प्रमुख मुद्दा रहा है| हम इस पोस्ट में इसी विषय पर बात करेंगे की लोक प्रशासन और निजी प्रशासन में क्या अंतर है तथा लोक प्रशासन और निजी प्रशासन में क्या समानता है| Similarity and Indifference between Public administration and Private administration in hindi. आइये चर्चा की शुरुआत करते है|

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