History, asked by anjali1042, 11 months ago

क्या आप इस तथ्य सहमत है कि hadappa sabhyata sahari ki jal nikam pranali Nagar yojana ki or Sanket Karti Apne uttar ke Karan bataiye​

Answers

Answered by jayraj836
1

Answer:

हड़प्पाई नगरों को स्थापना वैज्ञानिक एवं व्यवस्थित ढंग से की गई थी। हम इस कथन से पूर्णरूप से सहमत हैं कि हड़प्पा सभ्यता

के नगरों की जल निकास प्रणाली नगर-योजना की ओर संकेत करती है। अपने उत्तर की पुष्टि में हम निम्नलिखित कारण प्रस्तुत कर सकते हैं

प्रत्येक घर में पकी ईंटों से बनी छोटी नालियाँ होती थीं जो स्नानघरों तथा शौचालयों से जुड़ी होती थीं। इनके द्वारा घर का | गंदा पानी पास की गली में बनी हुई मध्य आकार की निकास नालियों तक पहुँच जाता था।

मध्य आकार वाली नालियाँ बड़ी सड़कों के साथ-साथ बने हुए नालों में मिलती थीं। सामान्यतया नालियाँ लगभग 9 इंच

चौड़ी और एक फुट गहरी होती थीं, किंतु कुछ इससे दुगुनी बड़ी होती थीं।

नालियाँ पकी ईंटों से बनी तथा ढकी होती थीं। उनमें थोड़ी-थोड़ी दूरी पर हटाने वाले पत्थर लगे होते थे ताकि आवश्यकतानुसार उन्हें हटाकर नालियों की सफाई की जा सके।

ऐसा लगता है कि पहले नालियों के साथ गलियों का निर्माण किया गया था और फिर उनके अगल-बगल घरों को बनाया गया था, क्योंकि घरों की नालियों को गलियों से जोड़ने के लिए प्रत्येक घर की कम-से-कम एक दीवार का गली के साथ सटा होना आवश्यक था।

बड़े नाले ईंटों से अथवा तराशे गए पत्थरों से ढके हुए होते थे। कुछ स्थलों में टोडा-मेहराबदार नाले भी मिले हैं। उनमें से एक लगभग 6 फुटा गहरा है जो संपूर्ण नगर के गंदे पानी को बाहर ले जाता था।

मल-जल निकासी के मुख्य नालों पर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर आयताकार हौदियाँ बनी होती थीं। नालियों के मोड़ों पर तिकोनी ईंटों का प्रयोग किया जाता था।

घरों का कूड़ा-करकट नालियों में नहीं अपितु घरों के बाहर रखे गए ढके हुए कूड़ेदानों में डाला जाता था।

जल निकासी प्रणालियाँ केवल बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं थीं। अनेक छोटी बस्तियों में भी इनके अस्तित्व के प्रमाण | मिले हैं। उदाहरण के लिए लोथल में निवास स्थानों का निर्माण कच्ची ईंटों से किया गया था, किंतु नालियाँ पकी ईंटों से बनाई गई थीं।

Explanation:

Similar questions