क्या आप मानते हैं कि निन्दक की वाणी सुनने से आत्मशुद्धि होती है? तर्कयुक्त उत्तर दीजिए ।
पाठ - साखी (कबीर)
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Yes ,because as you are not aware of your mistakes but the other one(nindak) is aware of our mistakes when he will tell us our mistake then only we will be able to purify our soul
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अपने स्वभाव को निर्मल रखने के लिए कबीर ने निंदक को अपने निकट रखने का सुझाव दिया है, क्योंकि वही हमारा सबसे बड़ा हितैषी है अन्यथा झूठी प्रशंसा कर अपना स्वार्थ सिद्ध करने वाले तो अनेक मिल जाते हैं। निंदक बुराइयों को दूरकर सद्गुणों को अपनाने में सहायक सिद्ध होता है। निंदक की आलोचना को सुनकर आत्मनिरीक्षण कर शुद्ध व निर्मल आचरण करने में सहायता मिलती है।
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