Hindi, asked by totalsupergaming87, 3 months ago

क्या आपके किसी परिचित को घुमक्कडी/यायावरी का शौक है? उसके इस शौक का उसकी पटाई/काम आदि पर क्या प्रभाव पड़ता होगा जानकारी प्राप्त कर परियोजना तैयार कीजिए। bekar log nhi​

Answers

Answered by muskanjangde861
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Explanation:

राहुल सांकृत्यायन सदैव घुमक्कड़ ही रहे। सन्‌ १९२३ से उनकी विदेश यात्राओं का सिलसिला शुरू हुआ तो फिर इसका अंत उनके जीवन के साथ ही हुआ। ज्ञानार्जन के उद्देश्य से प्रेरित उनकी इन यात्राओं में श्रीलंका, तिब्बत, जापान और रूस की यात्राएँ विशेष उल्लेखनीय हैं। वे चार बार तिब्बत पहुँचे।

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