क्या आपको लगता है कि मौर्य साम्राज्य केंद्रीकृत था आपके उत्तर के समर्थन में कारण बताइए
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हाँ, मौर्य साम्राज्य केंद्रीकृत था जो कि अपने समय का एक विशाल साम्राज्य था। यह भारत का सबसे विशाल साम्राज्य था। यह साम्राज्य केंद्रीयकृत व्यवस्था पर आधारित था। जिसका एक सम्राट था लेकिन विशाल सम्राज्य होने के कारण ये कई प्रान्तों में बंटा था। इन प्रान्तों पर सम्राट का नियंत्रण प्रान्त के राज्यपालों के माध्यम से होता था, जो सम्राट के अधीन होते थे।
मौर्य साम्राज्य की स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने 322 ईसा पूर्व की थी। इस साम्राज्य के शासकों ने 137 वर्षों तक भारत के अधिकांश हिस्से पर एकछत्र राज्य किया, जिसमें आज के पाकिस्तान और अफगानि्स्तान भी आते हैं। चंद्रगुप्त मौर्य, बिंदुसार और अशोक महान मौर्य साम्राज्य के सबसे प्रमुख शासक थे। मौर्य साम्राज्य के शासनकाल में सत्ता का नियंत्रण केंद्रीयकृत होता था, लेकिन सत्ता की सारी शक्ति राजा के हाथ में नहीं होती थी अर्थात राजा निरंकुश नहीं था। मौर्य साम्राज्य एक विशाल साम्राज्य था, जो पूर्व में पटना से पश्चिम आज के अफगानिस्तान तक तथा उत्तर में पंजाब-कश्मीर से लेकर दक्षिण में आज के कर्टानक-आंध्र तक फैला हुआ था।
इस विशाल साम्राज्य के संचालन के लिए साम्राज्य को चार प्रांतों में बांटा गया था। पूर्वी प्रांत की राजधानी तौसाली की तो दक्षिणी प्रांत की राजधानी स्वर्णागिरी थी। उत्तरी प्रांत की राजधानी तक्षशिला तथा पश्चिमी प्रांत की राजधानी उज्जैन थी। पूरे मौर्य साम्राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र थी जिसे आज पटना के नाम से जाना जाता है। पाटलिपुत्र ही मौर्य साम्राज्य की सत्ता महत्वपूर्ण केंद्र था जहां से मौर्य सम्राट विभिन्न मातहतों से माध्यम से पूरे साम्राज्य का संचालन करता था।
इस तरह मौर्य साम्राज्य केन्द्रीयकृत साम्राज्य था जिसमें गणतंत्रात्मक व्यवस्था न होकर राजतंत्रात्मक व्यवस्था थी।
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मौर्य साम्राज्य
व्याख्या
- मौर्य साम्राज्य भारत-गंगा के मैदान की विजय से केंद्रीकृत था, और इसकी राजधानी पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना) में स्थित थी।
- इस शाही केंद्र के बाहर, साम्राज्य की भौगोलिक सीमा सैन्य कमांडरों की वफादारी पर निर्भर थी जो इसे छिड़कने वाले सशस्त्र शहरों को नियंत्रित करते थे।
- मौर्य साम्राज्य ने सावधानीपूर्वक संगठित नौकरशाही प्रणाली का उपयोग करते हुए पश्चिमी और दक्षिणी एशिया के बड़े हिस्से में सुरक्षा और राजनीतिक एकता बनाए रखने में सक्षम था।
- इसमें एक सामान्य आर्थिक प्रणाली शामिल थी जो अपनी विशाल भूमि में स्थिर कृषि के साथ-साथ सफल व्यापार और वाणिज्य का समर्थन करती थी।