क्या आपने आस-पास के क्षेत्र में भूमि-प्रदूषण देखा है? आप भूमि-प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए
क्या प्रयास करेंगे?
Answers
रासायनिक या जैविक गुणों में कोई ऐसा अवांछनीय परिवर्तन जिसका प्रभाव मानव तथा अन्य जीवों पर पड़े या जिससे भूमि की गुणवत्त तथा उपयोगित नष्ट हो, 'भूमि प्रदूषण' कहलाता है।
भूमि प्रदूषण के स्रोत
भूमि प्रदूषण के कारको में औद्योगिक अपशिष्ट, कृषीय अपशिष्ट, घरेलू अपशिष्ट एवं नगर पालिका अपशिष्ट आदि शामिल हैं।
औद्योगिक अपशिष्ट
औद्योगिक अपशिष्ट किसी न किसी रूप में भूमि प्रदूषण का कारण बनते हैं। इन अपशिष्टों में कुछ जैव अपघटनशील, कुछ ज्वलनशील, कुछ दुर्गन्ध युक्त, कुछ विषैले और कुछ निष्क्रिय होते हैं। औद्योगिक अपशिष्टों के निक्षेपण की समस्या काफ़ी जटिल है।
कृषीय अपशिष्ट
फसलों की कटाई के बाद बचे हुए डण्ठल, पत्तियों, घास -फूस, बीज आदि को कृषीय अपशिष्ट कहा जाता है। जब ये कृषि अपशिष्ट वर्षा के जल के साथ सड़ने लगते हैं तो प्रदूषण
हां, हमने अपने आस पास के क्षेत्र में भूमि प्रदूषण देखा है। भूमि प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय निम्नलिखित हैं।
•फसलों पर विषैले कीटनाशक का छिड़काव।
•DDT का प्रयोग प्रतिबंधित हो।
•रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग न करके , कम्पोस्ट तथा हरी खाद के प्रयोग पर जोर देना चाहिए।
•उर्वरकों का प्रयोग करने से पहले तथा सिंचाई करने से पहले मिट्टी तथा जल का परीक्षण करना चाहिए।
•खेतों में जल निकास की उचित व्यवस्था की जानी चाहिए।
•मिट्टी के कटाव को रोकने के उपाय किए जाने चाहिए।
•जीवंशों की वृद्धि के लिए खेतों में पेड़, पौधों की पत्तियां , डठल, छिलके , जड़े, तने आदि सड़ाए जाने चाहिए।