Hindi, asked by sajaiservic, 20 hours ago

क्या आपने कभी किसी गरीब की मदद की है ? यदि ' हाँ ' तो कैसे ? “ दीन - दुखियों की सेवा करना भगवान की पूजा करने के समान है । " इस उक्ति पर एक कहानी लिखिए​

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Answered by XxKingBoyAkashxX
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Answer:

दीन दुखियों की सेवा करना प्रत्येक व्यक्ति का क‌र्त्तव्य बनता है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वह दीन दुखियों व लाचार लोगों की सहायता करे। यह बात रघुनाथ मंदिर में आयोजित सत्संग समारोह को संबोधित करते हुए स्वामी विवेकानंद महाराज ने कही। इस मौके पर राम सिंह, जय सिंह, पूर्व नगर पार्षद मक्खनलाल पाहवा, डा. कृष्ण मिढ़ा, राजन चिल्लाना, राममेहर, जितेंद्र, राहुल, रमेश सिंगला, राजेंद्र जैन, मनजीत यादव, रोहित कुमार, मनोहर शर्मा आदि मौजूद थे।

स्वामी विवेकानंद महाराज ने कहा कि जो व्यक्ति दीन दुखियों की सहायता करता है, भगवान उसका हर बिगड़ा काम बनाते हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्य आज स्वार्थी होता जा रहा है। स्वार्थ के कारण वह अपने पराये को भूल रहा है। आज हर घर की कहानी अलग-अलग है। कहीं मां-बाप दुखी है, तो कहीं पति-पत्नी में आपसी कलह चला हुआ है। उन्होंने कहा कि मनुष्य भगवान को भूलता जा रहा है। मनुष्य को चाहिए कि वह नियमित रूप से भगवान का भजन करे ताकि भगवान लोगों के बिगड़ रहे कामों को बनाए। उन्होंने कहा कि मनुष्य को कभी भी लोभ नहीं करना चाहिए, क्योंकि लोभी व्यक्ति का समय लंबा नहीं होता। कभी न कभी वह लोभ के चलते अपने बिछाए जाल में फंस जाता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को गायों की पूजा करनी चाहिए, क्योंकि गायों में सभी देवता निवास करते हैं। लोगों की अनदेखी के चलते आज गाय गलियों में भटकती फिर रही है। कई लोग सुबह दूध निकालने के बाद गायों को गली में घूमने के लिए छोड़ देते हैं और शाम को दूध निकालने के समय बांध लेते हैं, जो सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि गाय को माता का दर्जा दिया गया है। गाय का दूध अमृत के सामान माना गया है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति का क‌र्त्तव्य बनता है कि वह गायों की सेवा करे।

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