क्या आपने कभी रेल-यात्रा की है। रेल-यात्रा के अपने अनुभव को व्यंग्यात्मक शैली में
लिखिए।
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छुक छुक गाड़ी का आकर्षण बच्चों को उत्साहित करने के लिये पर्याप्त होता है। बच्चे हों या बड़े, यात्रा करना सभी को अच्छा लगता है। रेलगाड़ी से यात्रा करना और भी सुखद है।
लम्बे सफर के लिये बस की तुलना में रेलगाड़ी अधिक आनन्ददायक है। इसमें इधर उधर चलने फिरने की एवं सोने, उठने बैठने, शौच इत्यादि की भी सुविधा रहती है।
Essay on Train Journey in Hindiरेल यात्रा के लिये टिकट पहले से आरक्षित करा लिये जायें तो अच्छा रहता है। समय पर रेलवे स्टेशन पहुँच जायें तो सफर का पूरा आनन्द उठा सकते हैं। गाड़ी की प्रतीक्षा में खड़े लोगों के साथ गर्दन उठा उठा कर रेल की पटरी को और गाड़ी आने की दिशा में बार बार देखना एक अजीब सा वातावरण तैयार करता है। प्लेटफार्म पर शोरगुल मेले जैसा आनन्द देता है।
खाने पीने के सामान की दुकानों से ठंडा, गर्म जो मर्जी पियो खाओ। रेलवे प्लेटफार्म पर साहित्य और पत्र पत्रिकाओं को खरीदने का शौक भी पूरा किया जा सकता है।
कुली की सहायता से अपना सामान लगायें और खिड़की खोलकर ठंडी हवा का आनंद लें। साथ वाली सीट पर बैठे लोगों से बातचीत में समय पंख लगा कर उड़ जाता है। कभी कभी तो गाड़ी में प्रारम्भ हुयी दोस्ती जीवन भर चलती है।
आजकल रेल यात्रा के इतिहास में नये पृष्ठ जुड़ गये हैं। धुंआ फेंकती कोयले से चलने वाली गाड़ी की जगह बिजली से चलने वाली तीव्रगामी शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस गाड़ियों ने ले ली है। वातानुकूलित गाड़ियाँ और उनमें मिलने वाला बढ़िया भोजन तथा संगीतमय वातावरण किसे आकर्षित नहीं करेगा। इन गाड़ियों में अब न तो घर से खाना लाने की जरूरत होती है और न ही बिस्तर आदि। क्योंकि इन अत्याधुनिक रेल गाड़ियों मे हर प्रकार की सुविधा होती है। सुरक्षा के लिये प्रत्येक गाड़ी में सुरक्षागार्ड चलते हैं। यात्री टी.टी. को टिकट दिखा कर आराम से सो सकते हैं। सोच क्या रहे हैं? चलिये, रेल यात्रा कर भारत दर्शन की योजना बनायें।