क्या आपने या आपके किसी परिचित ने कुसंगति का दुष्परिणाम भोगा है?
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कुसंगति और धूम्रपान के क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं, उनके प्रति तुम्हें सचेत करना मेरा कर्तव्य है।
धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक है, यह तुम अनेक वैधानिक चेतावनी के द्वारा जान भी चुके होगे। खाँसी, श्वास रोग, फेफड़ों की बीमारियाँ, कैंसर आदि रोग इसी दुर्व्यसन की देन होते हैं। प्रारंभ में गलत मित्रों के प्रोत्साहन पर अपनाया गया यह शौक बाद में ऐसा व्यसन बनकर गले से चिपक जाता है कि उससे पीछा छुड़ाना प्रायः असंभव हो जाता है।
इसीलिए हमारे बड़े-बुजुर्गों ने कहा है कि केवल कुसंगति से मनुष्य में अन्यान्य दणि उत्पन्न हो जाते हैं। यदि मात्र बुरे लोगों से ही बचकर रहा जाए। तो व्यक्ति में किसी भी प्रकार का अवगुण नहीं आता। यदि दुर्गुणों से बचना चाहते हो तो कुसंगति से दूर रहो। यदि तुम किसी सुगंधित तेल, सेंट आदि विक्रेता की दुकान पर जाओगे तो तुम्हारे कपड़ों से सेंट की महक आने लगेगी और यदि लुहार के पास बैठोगे तो