क्या आसमान में बदल छाए हुए है । (विधानवा
निम्नलिखित पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार बता
तरणी तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए ।
तू मोहन के उरबसी हुवै उरबसी समान ।
चेहरा है या चाँद खिला है ।
पेड़ झुक झाँकने लगे गरदन उचकाएँ ।
पाठरा-पस्तक पर आधारित निम्न गद्यांश
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उत्तर
१. तरणी तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए।
- अनुप्रास अलंकार
२. तू मोहन के उरबसी हुवै उरबसी समान।
- यमक अलंकार
३. चेहरा है या चाँद खिला है ।
- उपमा अलंकार
४. पेड़ झुक झाँकने लगे गरदन उचकाएँ।
- मानवीकरण अलंकार
अलंकार की परिभाषा - काव्य की शोभा बढ़ाने वाले उपकरणों को अलंकार कहते हैं।अलंकार का साधारण अर्थ है आभूषण। जिस प्रकार आभूषण सौंदर्य में वृद्धि करते हैं उसी प्रकार काव्य में वृद्धि करने वाले शब्दों को अलंकार कहते हैं।
उदाहरण -
१. रघुपति राघव राजा राम।
पतित पावन सीताराम।
२. तू मोहन के उरबसी हुवै उरबसी समान।
३. चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही हैं जल-थल में।
४. रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून पानी गए न ऊबरे मोई मानस चून।
५. काली घटा का घमंड घटा।
६. कल कानन कुंडल मोरपखा उर पा बनमाल बिराजती है।
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१. तरणी तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए।
अनुप्रास अलंकार
२. तू मोहन के उरबसी हुवै उरबसी समान।
यमक अलंकार
३. चेहरा है या चाँद खिला है ।
उपमा अलंकार
४. पेड़ झुक झाँकने लगे गरदन उचकाएँ।
मानवीकरण अलंकार
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