Hindi, asked by rehnuma8890, 9 months ago

क्या अभाव अधूरापन मनुष्य के लिए प्रेरणादाई हो सकता है​

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Answered by Anonymous
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21वीं सदी के वैज्ञानिक एवं प्रगतिवादी युग में मनुष्य के पास भौतिक सुख सुविधाएं तो हैं, परंतु मानसिक शांति का अभाव है। जिस कारण मनुष्य सदैव अशांत व अवसाद से ग्रसित रहता है। ये विचार कस्बा स्थित दिव्य ज्योति जागृति संस्थान में आशुतोष महाराज के शिष्य स्वामी विज्ञानानंद ने व्यक्त किए। मौके पर पौधारोपण कर पर्यावरण सरंक्षण का संदेश भी दिया गया। कस्बा के सरपंच चंद्रमोहन कटारिया मुख्यातिथि रहे। स्वामी ने ध्यान को मानसिक शांति का उपाय बताते हुए कहा कि सनातन भारतीय संस्कृति की मेधा प्रज्ञा इस तथ्य को सर्वसम्मति से स्वीकार करती है की ध्यान से ही मनुष्य मानसिक शांति प्राप्त कर सकता है। विडंबना है कि आज मूलत: सम्मोहन क्रिया को ही ध्यान का अंग स्वीकार कर लिया जाता है। जो सत्य नहीं है। ध्यान तो वैदिक सनातन पद्धति का विशुद्ध अंग है। कार्यक्रम में उपस्थित सैंकड़ों साधकों ने सामूहिक ध्यान कर मानसिक शांति एवं परमानंद को प्राप्त किया। साध्वी मुमुक्षा भारती व गुरप्रीत भारती ने प्रेरणादायक भजनों व दिव्य मंत्रों का उच्चारण कर विश्व शांति व सर्व जगत कल्याण की मंगल कामना की। मुख्यातिथि व अन्य साधकों ने मिलकर आश्रम में छायदार व फलदार पौधे लगाए।

Answered by kartikj786
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Answer:

Yes..

Explanation:

bro pls thodi simple language use karo....

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