क्यूबा मिसाइल संकट शीतयुद्ध का चरम बिंदु था स्पष्ट करें I
Answers
Answer:
क्यूबाई मिसाइल संकट (क्यूबा में अक्टूबर संकट के रूप में जाना जाता है) शीत युद्ध के दौरान अक्टूबर 1962 में सोवियत संघ, क्यूबा और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच एक टकराव था।
क्यूबा अमेरिका के तट से लगा हुआ एक छोटा सा द्वीपीय देश है!!
1962 में सोवियत संघ के राष्ट्रपति निकिता ख्रुश्चेव में क्यूबा को रूस के सैनिक अड्डे के रूप में बदलने का फैसला किया इसलिए तो व्यस्त संघ ने क्यूबा में अपनी परमाणु मिसाइलें तैनात कर दी जिसका मुंह अमेरिका की तरफ था!!
उस समय अमेरिका के राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी थे सोवियत संघ को यह डर था कि अमेरिका क्यूबा की साम्यवादी सरकार को सत्ता से हटाने के लिए फिदेल कास्त्रो की सरकार का तख्तापलट कर देगी इसी कारण सोवियत संघ ने मिसाइलों का रुख अमेरिका की तरफ कर दिया था !!
अमेरिका को इस बात का पता 3 हफ्ते के बाद चला हथियारों की इस तैनाती के कारण सोवियत संघ अमेरिका के मुख्य भूभाग और शहरों पर हमला कर सकता था अतः कमेटी ने आदेश दिया कि अमेरिका समुंद्री जहाज क्यों बजाने वाले सोवियत जहाजों को रोकने तथा साथ ही उसने सोवियत संघ को चेतावनी दे दी कि वह अपनी मिसाइलें वहां से हटा ले अन्यथा परमाणु युद्ध शुरू हो जाएगा सौभाग्य से सोवियत संघ ने क्यूबा से अपनी मिसाइलें हटा ली अन्यथा तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो सकता था!!
इसे ही क्यूबा मिसाइल संकट कहा जाता है और यह शीतयुद्ध का चरम बिंदु इसलिए माना जाता है क्योंकि यदि इस समय दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ जाता तो वह युद्ध विश्वव्यापी बन सकता था !!!