क्या भारत को राष्ट्रमंडल का सदस्य रहना चाहिए तर्क वितर्क me answer do
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सबसे पहले ‘राष्ट्रमंडल’ को समझते हैं कि वो है क्या। ‘राष्ट्रमंडल’ उन देशों का संगठन है जो कभी ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन रहे थे। इस संगठन में लगभग 53 देश हैं। एक-दो देश ऐसे भी हैं जो कभी भी ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन नही रहे। जैसे कि ‘रवांडा’ या ‘मोजाम्बिक’। जबकि ‘संयुक्त राज्य अमेरिका’ भी कभी ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन था पर वो राष्ट्रमंडल देशों का सदस्य नही है।
भारत को राष्ट्रमंडल का सदस्य बने रहना चाहिये या नही — तर्क-वितर्क
तर्क...
भारत एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था है। राष्ट्रमंडल में जितने भी देश शामिल हैं भारत उनमें सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की कगार पर है। भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट चाहिये। ऐसे में उसे अपना पक्ष मजबूत करने के लिये समर्थन बढ़ाने के लिये राष्ट्रमंडल के सदस्य देशो की आवश्यकता पड़ सकती है। राष्टमंडल के अन्य सदस्य देशो में रह रहे भारतीयों के हितों की रक्षा के लिये भारत को राष्ट्रमंडल में रहना आवश्यक है। राष्टमंडल के कई सदस्य देशों के साथ आपसी सामंजस्य बेहतर है, जैसे कि जिन देशों में भारत के राजदूत नही है वहां राष्ट्रमंडल के किसी सदस्य देश विशेषकर ब्रिटेन के राजदूत की मदद ले सकते हैं। पढ़ाई आदि जैसे कई मामलों में राष्ट्रमंडल के सदस्य देशों के विद्यार्थी को ब्रिटेन में विशेष रियायत मिलती है।
वितर्क...
राष्ट्रमंडल की अब कोई विशेष प्रासंगिकता नही रह गयी है। ये केवल ब्रिटिश गुलामी का प्रतीक बनकर रह गया है। राष्ट्रमंडल का सदस्य बने रहना हमें बार-बार ब्रिटिश गुलामी की याद दिलाता है। राष्ट्रमंडल के देशों के बीच कोई मजबूत आर्थिक या राजनीतिक सहयोग नही है। ये केवल राष्ट्रमंडल खेलों तक सिमट कर रह गया है। अमेरिका ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा होने के बावजूद इसका सदस्य नही है तो हमारी भी ऐसी कोई विवशता नही होनी चाहिये। राष्ट्रमंडल की अपेक्षा ‘बिम्सटेक’, ‘ब्रिक्स’, ‘जी-20’ जैसे संगठन भारत के लिये ज्यादा उपयोगी हैं, जिनका भारत सदस्य है।
Answer:
हाँ
Explanation:
वर्तमान में राष्ट्रमंडल की कोई विशेष प्रासंगिकता नहीं है।यह राष्ट्रमंडल के सदस्य देशों के बीच मजबूत आर्थिक या राजनीतिक सहयोग न रहकर केवल राष्ट्रमंडल खेलों तक सिमट कर रह गया है परंतु भारत राष्ट्रमंडल में शामिल देशों में सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है अतः भारत को सुरक्षा परिषद् में सीट चाहिए इसलिए भारत को अपना पक्ष मजबूत करने के लिए राष्ट्रमंडल के सदस्य देशों की आवश्यकता पड़ सकती हैं एवं राष्ट्रमंडल के कई देशों के साथ आपसी सामंजस्य बेहतर हैं जैसे-(1)जिन देशों में भारत के राजदूत नहीं हैं वहाँ भारत राष्ट्रमंडल के सदस्य देश विशेषकर ब्रिटेन के राजदूत की मदद ले सकते हैं।
(2)राष्ट्रमंडल के सदस्य देशों के विद्यार्थियों को ब्रिटेन में विशेष रियायत मिलती हैं।
निष्कर्ष- अतः भारत को राष्ट्रमंडल के अन्य सदस्य देशों में निवासित भारतीयों के हितों की रक्षा के लिए भारत को राष्ट्रमंडल का सदस्य रहना आवश्यक हैं।