Economy, asked by MahendrGope, 9 days ago

क्या भारतीय रिज़र्व बैंक के जैसे कोई निरीक्षक होना चाहिए जो अनौपचारिक ऋणदाताओं की गतिविधियों पर नज़र रखे? उसका काम मुश्किल क्यों होगा?​

Answers

Answered by Chaitanya1696
0

हमसे पूछा जाता है कि क्या अनौपचारिक उधारदाताओं की गतिविधियों को देखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक जैसा प्रहरी होना चाहिए और उसका काम मुश्किल क्यों होगा। इसका उत्तर हां होगा और निम्नलिखित कारणों से उसका कार्य कठिन होगा:

अनौपचारिक उधारदाताओं द्वारा किए गए उधार को नियंत्रित करने वाला कोई उचित अधिनियम नहीं है। न ही उनके पास इस बारे में नियम-कायदे हैं।जो लोग अनौपचारिक ऋण देते हैं वे आमतौर पर अन्य व्यवसाय भी करते हैं और इसलिए इस राशि को कवर करते हैं लेकिन दूसरे व्यवसाय के लेनदेन दिखाते हैं।

उपरोक्त कठिनाइयाँ होने के बावजूद यह आवश्यक है कि उन पर नजर रखी जाए। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये लोग बहुत अधिक ब्याज दर वसूलते हैं जिसे चुकाना गरीबों के लिए असंभव है इसलिए वे हमेशा कर्ज में डूबे रहते हैं। पैसा चुका दिया जाएगा। लेकिन अनौपचारिक उधारदाताओं के मामले में वे दबंगों को काम पर रखते हैं जो इन गरीब लोगों को तब तक परेशान करते हैं जब तक कि पैसे का भुगतान नहीं हो जाता।

भारत को अभी भी गरीबों का देश माना जाता है क्योंकि हमारे देश में सबसे ज्यादा गरीब लोग पाए जाते हैं इसलिए यह बहुत जरूरी है कि इन लोगों पर नजर रखने की कठिनाइयों के बावजूद रिजर्व बैंक द्वारा बहुत कड़ी निगरानी रखी जाए भारत के गरीब लोगों को शोषण से बचाने के लिए।

#SPJ1

समान प्रश्नों के लिए देखें:

https://brainly.in/question/49821541

https://brainly.in/question/8921801

Similar questions