Political Science, asked by afreenbano1800alia, 1 day ago

क्या भारतीय सरकारी तंत्र ने 1991 में शुरू हुए उदारीकरण और वैश्वीकरण
की माँगों के प्रति पर्याप्त रूप से अनुक्रिया की है? इस महत्त्वपूर्ण परिवर्तन के
प्रति अनुक्रियाशील होने के लिए सरकार क्या कर सकती है?
Italy to​

Answers

Answered by sanjaakash2008
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Answer:

1980 का दशक भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव लेकर आया था। Regards सुधारों के इस नए मॉडल को सामान्यतः उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरणमाँडल (एलपीजी मॉडल) के रूप में जाना जाता है। इस मॉडल का मुख्य उद्देश्य दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ भारत की अर्थव्यवस्था को तेजी से विकसित अर्थव्यवस्था बनाना तथा दूसरी अर्थव्यवस्थाओं के निकट पहुंचना या उनसे आगे निकलना था।

एक अधिक कुशल स्तर करने के लिए देश की अर्थव्यवस्था को उठाने पर लक्षित व्यापार, विनिर्माण करने का संबंध है, और वित्तीय सेवाओं ने उद्योगों के साथ जगह ले ली है कि सुधारों की श्रृंखला। इन आर्थिक सुधारों को एक महत्वपूर्ण तरीके से देश के समग्र आर्थिक विकास को प्रभावित किया था।

उदारीकरण

उदारीकरण सरकार के नियमों में आई कमी को दर्शाता है। भारत में आर्थिक उदारीकरण 24 जुलाई 1991 के बाद से शुरू हुआ जो जारी रखने के वित्तीय सुधारों को दर्शाता है।

Answered by lakshmishankar68
0

Answer:

sorry i don't have the answer

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