Hindi, asked by seematiwari9698, 21 days ago

क्या? बर्फ तो नहीं है। हाँ जी। बर्फ नहीं है तो क्या है? और अकस्मात् बिजली-सा यह विचार मन में कोयादि। कत्यूर घाटी के पार वह नगाधिराज, पर्वत सम्राट, हिमालय है, इन बादलों ने उसे ढंक रखा है, वैसे वह व्या है, उसका एक कोई छोटा-सा बाल-स्वभाव वाला शिखर बादलों की खिड़की से झाँक रहा है। मैं हतिय चीख उठा 'बरफ'! वह देखो।" शुक्ल जी, सेन, सभी ने देखा, पर अकस्मात् वह फिर लुप्त हो गया। लग बाल-शिखर जान किसी ने अन्दर खींच लिया। खिड़की से झाँक रहा है, कहीं गिर न पड़े।

(i) बादलों में अटल-चीज किसको कहा गया है? (ii) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए। (iii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए। (iv) लेखक को बादलों के बीच क्या दिखाई पड़ा? उसका वर्णन कीजिए। (v) बाल स्वभाव वाला शिखर किसको कहा गया है? मा सिसाणा शकावट-सबछ-​

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Answered by Ruthreswaraan
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