क्या बड़े भाई साहब के अनुसार किताबी ज्ञान महत्वपूर्ण था
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बड़े भाई साहब ने जिदंगी के अनुभव की किताबी को ज्ञान से अधिक महत्वपूर्ण माना है। जो ज्ञान बड़ों को है वह पुस्तकें पढ़ कर हासिल नहीं होता है। ज़िंदगी के अनुभव उन्हें ठोस धरातल देते हैं जिससे हर परिस्थिति का सामना किया जा सकता है। पुस्तकें व्यवहार की भूमि नहीं होती है। गलत-सही, उचित-अनुचित की जानकारी अनुभवों से ही आती है। अत: जीवन के अनुभव किताबी ज्ञान से अधिक महत्वपूर्ण हैं।
Answer:
भाई साहब ने जीवन के अनुभव की पुस्तक को ज्ञान से अधिक महत्वपूर्ण माना है। बड़ों के पास जो ज्ञान होता है वह किताबें पढ़ने से नहीं मिलता। जीवन के अनुभव उन्हें एक ठोस आधार देते हैं जिससे हर परिस्थिति का सामना किया जा सकता है। पुस्तकें व्यवहार की भूमि नहीं हैं। गलत-सही, सही-गलत का ज्ञान अनुभवों से ही आता है। इसलिए जीवन के अनुभव किताबी ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।