Hindi, asked by Homework126, 20 days ago

क्यों बढ़ रहा है युवाओं में क्रोध' पर अनुच्छेद​

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Answered by sjasaswi
9

Answer:

क्रोध मे व्यक्ति की सोचने समझने की क्षमता लुप्त हो जाती है और वह समाज की नजरो से गिर जाता है। क्रोध आने का प्रमुख कारण व्यक्तिगत या सामाजिक अवमानना है। उपेक्षित तिरस्कृत और हेय समझे जाने वाले लोग अधिक क्रोध करते है। क्योंकि वे क्रोध जैसी नकारात्मक गतिविधी के द्वारा भी समाज को दिखाना चाहते है कि उनका भी अस्तित्व है।

Answered by jindalvrinda1
6

Answer:

ऐसा दूषित व्यवहार, जिसमें मन संयम की सीमाओं को लाँघकर क्रोध के वशीभूत दूसरों को शारीरिक

मानसिक हानि पहुँचाने का कृत्य करने में किसी प्रकार की लज्जा एवं ग्लानि का अनुभव नहीं करता।

हस्वभाव मानवीय नहीं हो सकता क्योंकि ऐसे लक्षण पशुओं एवं दानवों में पाए जाते हैं, सच्चे मानवों

गतिविधियाँ बढ़ती चली जा रही हैं। युवा वर्ग पश्चिमीकरण और भौतिकवाद की चाह में स्वार्थी होता जा

है। आस्तिकता उसके लिए विचारों का दकियानूसीपन है और मानसिक शांति के लिए परम सत्ता

ध्यान लगाना, समय की बरबादी। उसकी ऐसी मानसिकता ने आज उसे केवल अपने सुख-भोगों तक

सीमित कर दिया है। वह अपने आप को झुकाना नहीं जानता। नीतिपरक बातें उसे कान में विक्ष घोलती

तीत होती हैं और हिंसक व ऊलूल-जुलूल बातें उसे मनमोहक लगती हैं। इसी कारण वह बात-बात पर आग

बबूला होकर स्वयं को शक्तिसंपन्न दिखाना चाहता है। छोटी-छोटी बातों के लिए अंगारे उगलना या मारपीट

पर उतारू हो जाना आज के युवाओं के लिए सामान्य-सी बात है। आज जिस प्रकार युवा हिंसक होते जा

रहे हैं, उसे देखकर कहा जा सकता है कि अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता बापू की आत्मा यह दृश्य देखकर

अवश्य ही विकल हो जाती होगी। विद्यालय में नैतिक मूल्यों का पाठ पढ़ाकर तथा सिनेमा, टी०वी० आदि

पर हिंसात्मक दृश्यों पर रोक लगाकर ही युवाओं में बढ़ती इस दानवी प्रवृत्ति को रोका जा सकता है।

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