क्या एक देश को सुचारू रूप से चलाने के लिए कुछ नियमों की आवश्यकता होती है यह नियम किन लोगों के लिए जरूरी होते हैं
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शासन संचालन की गतिविधि को शासन कहते हैं, या दूसरे शब्दों में कहें तो, राज करने या राज चलाने को शासन कहा जाता है। इसका संबंध उन निर्णयों से है जो उम्मीदों को परिभाषित करते हैं, शक्ति देते हैं, या प्रदर्शन को प्रमाणित करते हैं। यह एक अलग प्रक्रिया भी हो सकती है या प्रबंधन अथवा नेतृत्व प्रक्रिया का एक खास हिस्सा भी हो सकती है। कभी कभी लोग इन प्रक्रियाओं और व्यवस्थाओं के संचालन के लिए सरकार की स्थापना करते हैं।
किसी कारोबार अथवा गैर-लाभकारी संगठन के सन्दर्भ में, शासन का तात्पर्य अविरुद्ध प्रबंधन, एकीकृत नीतियों, मार्गदर्शन, प्रक्रियाओं और किसी दिए गए क्षेत्र के निर्णायक-अधिकारों से संबंधित है। उदाहरण के लिए, कॉर्पोरेट स्तर पर प्रबंधन के लिए गोपनीयता, आंतरिक निवेश, तथा आंकड़ों के प्रयोग संबंधी नीतियाँ बनाना शामिल हो सकता है।
अगर सरकार और शासन शब्दों में अंतर किया जाए, तो जो निकलकर सामने आएगा वो यह है कि एक सरकार जो करती है वही शासन है। यह कोई भी भू-राजनीतिक सरकार (राष्ट्र-राज्य), कॉर्पोरेट सरकार (कारोबारी संस्था), सामाजिक-राजनीतिक सरकार (जाति, परिवार इत्यादि) या किसी भी अन्य प्रकार की सरकार हो सकती है। लेकिन शासन शक्ति और नीति के प्रबंधन की गतिज प्रक्रिया है, जबकि सरकार वह माध्यम (आमतौर पर सामूहिक) है जो इस प्रक्रिया को अंजाम देती है। वैसे सरकार शब्द का इस्तेमाल शासन के पर्यायवाची शब्द के तौर पर भी किया जाता है, जैसा कि कनाडाई नारे के तहत "शांति, व्यवस्था और अच्छी सरकार " है। 1947 ई. में जाकर अंग्रेजों का भारत पर शासन समाप्त हुआ।
राज्य और राजनीति :कुछ लोग शासन और राजनीति की अवधारणाओं में स्पष्ट अंतर का सुझाव[कृपया उद्धरण जोड़ें] देते हैं। राजनीति में वे प्रक्रियाएं शामिल होती हैं जिनसे लोगों का एक समूह शुरुआत में विभिन्न मतों और स्वार्थों के साथ किसी सामूहिक फैसले पर पहुंचता है, जो आमतौर पर पूरे समूह के लिए जरूरी होता है और जिसे सार्वजनिक नीति के तौर पर लागू किया जाता है। वहीं दूसरी ओर शासन इसकी विरोधी चीजों के बजाए शासन करने वाले प्रशासनिक और क्रिया-मूलक तत्वों के बारे में है। राजनीति और प्रशासन के बीच पारंपरिक अलगाव को लेकर इस तरह तर्क की संभावना हमेशा ही बनी रहती है। वर्तमान में शासन जिस तरह से व्यवहार और नीति में है, वे कभी-कभी इस भेद पर सवाल खड़े करते हैं, जो यह बताता है कि शासन और राजनीति दोनों में ही सत्ता के पहलू शामिल हैं।
सामान्य तौर पर शासन तीन बड़े तरीकों से होता है :
1: पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के नेटवर्कों को शामिल कर या सामुदायिक संगठनों की साझेदारी से
2: बाजार प्रक्रियाओं के इस्तेमाल से जहां सरकार के नियमों के तहत काम करते हुए बाजार की प्रतियोगी नीतियों से संसाधनों का आवंटन होता है
3:टॉप-डाउन पद्धति के माध्यम से जिसमें मुख्य रूप से सरकारें और राज्य के नौकरशाह शामिल होते हैं
निष्पक्ष शासन :एक निष्पक्ष शासन का तात्पर्य एक ऐसी व्यवस्था से है जहां इस तरह काम होता है जिसमें लोकतंत्र की भावना के तहत अधिकारियों को हितग्राहियों के अधिकारों और हितों की रक्षा करने में आसानी हो.
वैश्विक शासन :शासन के पारंपरिक अर्थ के विपरीत, जेम्स रोसेनाओ जैसे कुछ लेखकों ने एक सर्वव्यापी राजनीतिक सत्ता के अभाव में अन्योन्याश्रित संबंधों के नियमों को निरुपित करने के लिए "वैश्विक शासन" शब्द का प्रयोग किया है।[6] इसके सबसे अच्छे उदाहरण को अंतरराष्ट्रीय प्रणाली या स्वतंत्र राज्यों के बीच के संबंधों में देखा जा सकता है। वैसे इस शब्द का इस्तेमाल वहां किया जा सकता है जहां समान अधिकार वाले स्वतंत्र लोग कोई नियमित संबंध बनाना चाहते हों.
परियोजना शासन : उद्योग (खासकर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में) में शासन शब्द का इस्तेमाल उन प्रक्रियाओं के वर्णन के लिए होता है जिनकी मौजूदगी एक परियोजना की कामयाबी के लिए आवश्यक होती है।
सूचना प्रौद्योगिकी शासन :आईटी शासन मुख्य रूप से बिजनेस फोकस और आईटी प्रबंधन के बीच संबंधों पर काम करता है। स्पष्ट शासन का लक्ष्य निवेश को आश्वस्त करना है जिससे कारोबारी क्षमता पैदा हो और आईटी परियोजनाओं के साथ जुड़े खतरे भी कम किए जा सकें.
सहभागितापूर्ण शासन : सहभागितापूर्ण शासन राज्य के साथ-साथ शासन प्रक्रिया में नागरिकों की भागीदारी के माध्यम से लोकतांत्रिक क्रियाओं को मजबूत बनाने पर केंद्रित है। विचार यह है कि नागरिकों को सार्वजनिक तौर पर लिए जाने वाले फैसलों में ज्यादा और सीधी भूमिका निभानी चाहिए या फिर कम से कम राजनीतिक मुद्दों से और गहराई से जुड़ना चाहिए. सरकारी अधिकारियों को भी इस तरह की गतिविधियों के प्रति ज्यादा उत्तरदायी होना चाहिए. व्यवहार में सहभागितापूर्ण शासन में सीधे तौर पर शामिल होकर नागरिक मतदाता या निगरानी रखने वाले के तौर पर अपनी भूमिका निभा सकते हैं।
गैर-लाभकारी शासन : गैर-लाभकारी शासन मुख्य रूप से बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (जिन्हें कभी-कभार निदेशक भी कहा जाता है) द्वारा जनता के स्पष्ट विश्वास पर अपने अधिकार का इस्तेमाल करने संबंधी जिम्मेदारी पर केंद्रित होता; ऐसा माना जाता है कि जनता का यह विश्वास संगठन के मिशन तथा उसके द्वारा सेवित लोगों के बीच मौजूद रहता है