Biology, asked by shailendra876501, 9 months ago

क्या जंतुओं और पादपों में भिन्न-भिन्न प्रकार के उत्तक पाए जाते हैं? वर्णन कीजिए।​

Answers

Answered by mehak3278
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Answer:

जन्तु ऊतक (animal Tissue)

उपकला या एपिथीलियमी ऊतक (epithelial tissue)

संयोजी ऊतक(connective tissues)

पेशी ऊतक (muscular tissues)

तंत्रिका ऊतक।( nervous tissues)

जनन ऊतक

Explanation:

ऊतक (tissue) किसी जीव के शरीर में कोशिकाओं के ऐसे समूह को कहते हैं जिनकी उत्पत्ति एक समान हो तथा वे एक विशेष कार्य करती हो। अधिकांशतः ऊतको का आकार एंव आकृति एक समान होती है। परंतु कभी कभी कुछ उतकों के आकार एंव आकृति में असमानता पाई जाती है, मगर उनकी उत्पत्ति एंव कार्य समान ही होते हैं। कोशिकाएँ मिलकर ऊतक का निर्माण करती हैं। ऊतक में समान सर्नचना और कार्य होते हैं ( Tissue is a group of celLS in which similar in structure and function.)

ऊतक के अध्ययन को ऊतक विज्ञान (Histology) के रूप में जाना जाता है। I hope it will helpful to you mark me as a brainlist

Answered by akarshit21
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Answer:

हाँ जंतुओं और पादपों में भिन्न-भिन्न प्रकार के उत्तक पाए जाते हैं।

हाँ जंतुओं और पादपों में भिन्न-भिन्न प्रकार के उत्तक पाए जाते हैं।वर्णन-

पौधों और जंतुओं के कार्य एवं संरचना में अंतर के कारण उनके ऊतकों में भी स्पष्ट अंतर होता है । चूंकि पौधे गति नहीं करते बल्कि संरचनात्मक दृढ़ता के साथ स्थिर रहते हैं , अतः उनके अधिकांश ऊतक सहारा देने वाले होते हैं तथा उन्हें संरचनात्मक शक्ति प्रदान करते हैं । उल्लेखनीय है कि ऐसे अधिकांश ऊतक मृत होते हैं लेकिन जीवित ऊतकों के समान ही यांत्रिक शक्ति प्रदान करते हैं । इसके विपरीत जंतुओं के अधिकांश ऊतक जीवित होते हैं । | हम जानते हैं कि पौधों की वृद्धि जीवन भर होती रहती है लेकिन जंतुओं में एक निश्चित उम्र के बाद वृद्धि नहीं होती है । इसके अलावा पौधों की वृद्धि कुछ क्षेत्रों में ही सीमित रहती है , जबकि जंतुओं में ऐसा नहीं होता है ।

पादप ऊतक ( Plant Tissue ) | ऊतकों की विभाजन क्षमता के आधार पर पादप ऊतकों को दो प्रमुख वर्गों में रखा गया है ,

विभज्योतक ऊतक ( Meristematic Tissue ) एवं स्थायी ऊतक ( Permanent Tissue ) । । विभज्योतक ऊतक ( Meristematic Tissue ) इनका मुख्य कार्य कोशिका विभाजन द्वारा निरंतर नई कोशिकाओं का निर्माण करना है । कोशिकाएँ विभाजित होकर पौधों की लंबाई और मोटाई को बढ़ाने में सहायक होती हैं । पौधों की जड़ एवं तने के शीर्ष भाग पर शीर्षस्थ विभज्योतक ऊतक ( Apical Meristematic Tisssue ) एवं पार्श्व भाग में पार्श्वस्थ विभज्योतक ऊतक ( Lateral Meristematic Tissue ) उपस्थित होता है । पत्तियों के आधार में अंतर्वेशी विभज्योतक ऊतक ( Intercalary Meristematic Tissue ) पाए जाते हैं जो स्थायी ऊतक के बीच बीच मे उपस्थित होते है

इनके प्रमुख लक्षण निम्न हैं

विभज्योतक की कोशिकाएँ अधिक क्रियाशील होती हैं तथा इसकी कोशिका भित्ति पतली होती है । ये आपस में सघनता से जुड़ी रहती हैं , इसलिये इनमें अंतर्कोशिकीय स्थान नहीं होता है । इसमें एक स्पष्ट केंद्रक और सघन एवं पर्याप्त कोशिका द्रव्य पाया जाता है ।

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