क्या केंद्रीय बैंक प्रबंधित तिरती व्यवस्था में हस्तक्षेप करेगा? व्याख्या कीजिए।
Answers
तिरती विनिमय दर -
यह विनिमय दर, बाजार माँग और पूर्ति की शक्तियों द्वारा निर्धारित होती है , इसे प्रबंधित तिरती विनिमय दर कहा जाता है |
अलग-अलग देशों की, अपनी मुद्रा विनिमय दर का निर्धारण करने की अलग-अलग प्रणालियाँ है | इसको तिरती विनिमय दर स्थिर विनिमय दर अथवा प्रबंधित तिरती विनिमय दर के द्वारा निर्धारित किया जा सकता है |
तिरती व्यवस्था में केंद्रीय बैंक हस्तक्षेप करेगा किन्तु यह अंतराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में विदेश करेंसी के क्रय-विक्रय के द्वारा होता है, और जब बैंक को यह एहसास होने लगता है कि घरेलू करेंसी के बाजार मूल्य का अत्यधिक नुकसान हो रहा है , तब बैंक अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बाजार में यूं.एस.डॉलर की बिक्री करेगा घरेलू करेंसी को पूर्व मूल्य में वापस लाने के लिए |
अर्थात तिरती व्यवस्था के अंतर्गत विनिमय दर का निर्धारण बाजार द्वारा बिना किसी केंद्रीय बैंक के हस्तक्षेप के होता है | प्रबंधित तिरती की स्थिति में केंद्रीय बैंक विनिमय दर में उतार-चढ़ाव को कम करने के लिए हस्तक्षेप करता है |
Know Mere
Q.1.- विनिमय दर का अर्थ बताइए।
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Q.2.- स्थिर विनिमय दर से क्या तात्पर्य है?
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Q.3.- विनिमय दर से क्या आशय है? अनुकूल और प्रतिकूल विनिमय दरों को समझाइए।
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हाँ |
Explanation:
- हाँ केंद्रीय बैंक प्रबंधित तिरती व्यवस्था में हस्तक्षेप करेगी क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में विदेशी करेंसी के क्रय-विक्रय द्वारा होता है।
- यदि केंद्रीय बैंक को लगता है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में घरेलू करेंसी के मूल्य का मूल्य ह्रास हो रहा है तो इसे नियंत्रित करने के उद्देश्य से केंद्रीय बैंक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में यूएस डॉलर की बिक्री करेगा।
- केंद्रीय बैंक के हस्तक्षेप के कारण यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर बेचकर डॉलर पूर्ति में वृद्धि करता है।
- जब बाकी सब बातें समान रहे तो डॉलर की पूर्ति में वृद्धि होने से देश की करेंसी के संबंध में डॉलर की कीमत में कमी होने की संभावना बन जाती है।
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