Hindi, asked by anshubhuvns123, 2 months ago

क्या कर्ण को दुर्योधन का साथ देना उचित था या अनुचित स्पष्ट करें।​

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Answered by shishir303
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O   क्या कर्ण को दुर्योधन का साथ देना उचित था या अनुचित स्पष्ट करें।​

हमारी दृष्टि में कर्ण को दुर्योधन का साथ नहीं देना चाहिए था। यद्यपि दुर्योधन ने कर्ण को काफी सम्मान दिया था और दुर्योधन ने उसको उस समय सहारा और सम्मान दिया, जब सब लोगों ने उसको दुत्कार दिया, उसका अपमान किया था। इस कारण का कर्ण दुर्योधन का एहसान मानता था। लेकिन किसी का हमारे ऊपर उपकार करने का मतलब यह नहीं कि हम गलत बातों का समर्थन देने लगें, अधर्म का साथ देने लगें।  

दुर्योधन ने पांडवों के साथ जो किया वह अधर्म था, अनीति थी और कर्ण को ये सब साफ दिखाई दे रहा था। उसके बावजूद उसने न केवल दुर्योधन को भड़काया बल्कि दुर्योधन का साथ दिया। इस तरह उसने केवल अपने दुर्योधन के एहसान को चुकाने के लिए अधर्म का साथ देने का मार्ग चुना।  

किसी का उपकार चुकाने के लिए उस का साथ देना नीति है, धर्म है, कर्तव्य है और किसी का उपकार के बदले उसका साथ छोड़ देना अधर्म है, लेकिन एक धर्म को निभाने के लिए दूसरा अधर्म करना भी उचित नही था।  कर्ण को साफ दिखाई दे रहा था कि दुर्योधन पांडवों के साथ गलत कर रहा है।

अंतिम निष्कर्ष...

दुर्योधन का कर्ण का दुर्योधन का साथ देना अनुचित था। उसे किसी का भी साथ नहीं देना चाहिए था और दुर्योधन से मित्रता के नाते दुर्योधन को समझाना चाहिए था। दुर्योधन के मानने पर उसे किसी भी पक्ष का साथ ना दे कर अलग हो जाना चाहिए था।

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