Hindi, asked by rehanchoudhary10, 5 months ago

क्या मेरा कलुष बड़ा है देवी की गरिमा से भी || इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए
Chapter: ek phool ki chah

Answers

Answered by ritasunita9821
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Answer:

इसमें ढोंगी भक्तों ने सुखिया के पिता पर मंदिर की पवित्रता नष्ट करने का भीषण आरोप लगाया है। सियारामशरण गुप्त वे कहते हैं-सुखिया का पिता पापी है। यह अछूत है। इसने मंदिर में घुसकर भीषण पाप किया है। इसके अंदर आने से मंदिर की पवित्रता नष्ट हो गई है।

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