Hindi, asked by jagritipanchal, 7 months ago

क्या निराश उग जाए पारु के आधार पर वमकेबटर को अM
और ईमानदारी का वर्णन उपने वालों में लिखर​

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Answered by saxenaseema07054
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हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखित ‘क्या निराश हुआ जाए’ एक श्रेष्ठ निबंध है। इस पाठ के द्वारा लेखक देश में उपजी सामाजिक बुराइयों के साथ-साथ अच्छाइयों को भी उजागर करने के लिए कहते है। वे कहते है समाचार पत्रों को पढ़कर लगता है सच्चाई और ईमानदारी ख़त्म हो गई है। आज आदमी गुणी कम और दोषी अधिक दिख रहा है। आज लोगो की सच्चाई से आस्था डिगने लगी है। लेखक कहते है कि लोभ, मोह, काम-क्रोध आदि को शक्तिमान कर हार नहीं माननी चाहिए बल्कि उनका डट कर सामना करना चाहिए। आगे वे कहते है कि हमें किसी के हाथ की कठ पुतली नहीं बनना चाहिए। कानून और धर्म अलग-अलग हैं। परन्तु कुछ लोग कानून को धर्म से बड़ा मानते हैं।

समाज में कुछ लोग ऐसे हैं जो बुराई को रस लेकर बताते हैं। बुराई में रस लेना बुरी बात है। लेखक के अनुसार सच्चाई आज भी दुनिया में है इसके कई उदहारण उन्होंने पाठ में दिया है।

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