क्या पढ़ाई और खेल कूद साथ साथ चल सकते हैं -वाद विवाद
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बिल्कुल पढ़ाई और खेल कूद साथ साथ चल सकते हैं । इसमे कोई दो राय नहीं है ।आगे के आलेख में खेल कूद और पढ़ाई के महत्व का बारे में जानेंगे ।
बचपन से ही बुजुर्गो के मुख से एक कहावत बार बार सुना करते थे कि “पढ़ोगे, लिखोगे तो बनोंगे नवाब, खेलोगे, कूदोगे तो होओगे खराब”। ये कहावत सुनने के बाद ऐसा लगता था कि क्या वास्तव में खेलनें से हम खराब हो जायेंगे अर्थात हमारा करियर चौपट हो जायेगा? क्या खेलकूद में करियर नहीं बनाया जा सकता हैं? आखिर ये कहावत क्यों बनी हैं? क्या जीवन में सिर्फ पढ़ाई लिखाई का ही महत्त्व हैं खेलकूद का कोई महत्त्व नहीं हैं
बचपन से ही खेलकूद के प्रति एक नैसर्गिक प्रेम होता हैं जिसके लिए पढ़ाई को भी ताक पर रख दिया जाता हैं। वैसे भी अच्छी सेहत के लिए खेलना कूदना परमावश्यक हैं। खेलकूद पर हर इंसान का मौलिक अधिकार होता हैं जिसका शिक्षा की आड़ में हनन नहीं होना चाहिए।
इंसान के जीवन में जितना महत्त्व शिक्षा का होता हैं उतना ही महत्त्व खेलकूद का होता हैं। जिस प्रकार शिक्षा की वजह से मानसिक विकास होता हैं उसी प्रकार खेलनें से शारीरिक विकास होता हैं। सफलता प्राप्त करनें के लिए इंसान शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से स्वस्थ होना चाहिए। प्राय: यह देखा जाता है कि पेरेंट्स बच्चों की पढ़ाई के पीछे दिन रात पड़े रहते हैं तथा अच्छे अंक प्राप्त करने के पश्चात भी संतुष्ट नहीं होते हैं। बच्चा शत प्रतिशत अंक प्राप्त करे यही उनका उद्देश्य होता हैं जिसकी प्राप्ति हेतु बच्चों के खेलनें पर पाबंदी लगा दी जाती हैं परिणामस्वरूप बचपन कुचल दिया जाता हैं। बच्चों को पढ़े लिखे रोबोट के माफिक बनाया जा रहा हैं।
परीक्षा के दौरान समय का अपना ही महत्त्व है और ज़ाहिर भी है. फिर भी थोड़ा समय शारीरिक गतिविधि के लिए निकाला जाए तो अपने समय का बेहतर उपयोग करने में मदद मिलेगी. व्यायाम करने से ताज़गी महसूस होती है और ऊर्जा बढ़ती है जो आपके कौशल्य को भी बढ़ाएगी. इससे आपको शांत रहने में और तनाव को संभालने में भी मदद मिलेगी. प्रात: काल व्यायाम करने से आप दिन भर ऊर्जावान महसूस करेंगे.
माता-पिता बच्चे की परीक्षा के दौरान काफ़ी चिंतित हो सकते हैं. कुछ माता पिता को परीक्षा के दौरान सभी विकर्षणों को सीमित करना चाहते हैं. उन्हें अपने साथ सैर या जॉगिंग पर आने के लिए कहें. इससे उन्हें निश्चित हो जाएगा कि आप समय नष्ट नहीं कर रहे हैं. अपनी माँ से किराने के सामान लाने की सूची लें और बाज़ार तक जॉग करें. इससे उन्हें व्यायाम के लाभों के बारे में जानकारी मिलेगी और ये भी कि आपका फ़ोकस बढ़ाने में मदद मिलेगी. दैनिक योजना बनाइए ताकि शारीरिक गतिविधियों के लिए समय निकाल सकें.
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Shikhar99:
Can u answer this with answer no??
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