Economy, asked by kamalqb, 9 months ago

क्या राजकोषीय घाटा आवश्यक रूप से स्फीतिकारी है?

Answers

Answered by deepaliguptab1
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राजकोषीय घाटा

घाटे की मुख्य आलोचना यह भी की यह हमेशा स्फीतिकारी होते है | ऐसा  इसलिए है क्यूंकि जब सरकार व्यय में वृद्धि और करों में कटौती करती है, तो समस्त मांग में वृद्धि होती है | फर्म  अधिक मात्रा में, जितना कि वर्तमान कीमत पर मांग की जाती है , उतने का उत्पादन करने में असमर्थ हो सकते है | किन्तु यदि संसाधनों का उचित उपयोग न किया गया हो, तो मांग में कमी के कारण  निर्गत को रोक लिया जाता है |  

  • उच्च राजकोषीय घाटे के साथ मांग ऊँची और निर्गत अत्यधिक होते है |  
  • इसलिए इसके स्फीतिकारी होने की आवश्यकता नहीं होती है |  
  • परन्तु जब कीमत की वृद्धि का स्तर अत्यधिक बढ़ जाती है इसके करण  

मुद्रा की गिरती क्रय क्षमता के कारण समग्र मांग में कमी होती है | अन्ततः अर्थव्यवस्था में AD  कम होने से अस्फीति भी हो सकती है और आर्थिक मंडी भी जन्म के सकतीं  है

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Q.1.- राजकोषीय घाटा किसे कहते हैं?

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Q.2.- कुल खर्चे का कुल प्राप्ति का जितना अधिक हो उसे क्या कहा जाता है?

A. राजकोषीय घाटा

B. बजट घाटा

C. राजस्व घाटा

D. इनमें से कुछ नहीं

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Answered by Arya2230
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Answer:

shayad yesss...........

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