Business Studies, asked by BrainlyHelper, 11 months ago

क्या सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी लाभ तथा दक्षता की दृष्टि से निजी क्षेत्र से प्रतिस्पर्धा कर सकती है? अपने उत्तर के कारण बताएँ।

Answers

Answered by nikitasingh79
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Answer:

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी लाभ तथा दक्षता की दृष्टि से निजी क्षेत्र से प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकती है। इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं।

औद्योगिक अशांति :  

स्वस्थ आधुनिक संबंधों के अभाव में सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में आए दिन हड़ताल, तालाबंदी व घेराव होते रहते हैं।

उत्पादन क्षमता का अल्प उपयोग :  

अधिकांश सार्वजनिक उपक्रमों में स्थाई संपत्तियों का पूर्ण उपयोग नहीं हो पाता जिसके कारण उत्पादन लागत में वृद्धि हो जाती है।  

दोष युक्त उत्पादन नियोजन :  

सार्वजनिक उपक्रमों में उत्पादन नियोजन एवं नियंत्रण पर समुचित ध्यान नहीं दिया जाता।

अत्याधिक मानवीय साधन :  

दोष युक्त मानवीय नियोजन के कारण आवश्यकता से अधिक कर्मचारी नियुक्त किए जाते हैं जिससे परिचालन व्यय में स्वाभाविक रूप से वृद्धि हो जाती है।

अत्यधिक उपरिव्यय :  

सार्वजनिक उपक्रमों को सामाजिक सुविधाओं जैसे स्कूल , अस्पताल, टाउनशिप आदि पर  व्यय करना पड़ता है । इससे न केवल उपक्रम की कुल लागत में वृद्धि हो जाती है अपितु लाभ में भी कमी होती है।  

दोष युक्त परियोजना नियोजन :  

अधिकांश सार्वजनिक उपक्रमों के उद्देश्य स्पष्ट एवं निश्चित नहीं होते हैं तथा उपक्रम के नियोजन में भावी मांग , तकनीकी एवं प्रबंधकीय आवश्यकता , लागत आदि के मूल्यांकन पर भी पूरा ध्यान नहीं दिया जाता है ।फल स्वरुप परियोजना को पूरा करने में आवश्यकता से अधिक समय व लागत लगती है।  

दोष युक्त वित्तीय नियोजन  :  

दोष युक्त वित्तीय नियोजन के कारण भी अनेक उपक्रम अति पूंजीकरण से ग्रस्त है तथा वह विनियोग पर उचित प्रतिफल देने में असमर्थ रहते हैं। फलस्वरूप मूल्यांकन साधनों का अपव्यय होता है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।

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1991 से पहले सार्वजनिक क्षेत्र की भूमिका क्या थी?

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सार्वजनिक क्षेत्र की 1991 की औधोगिक नीति का वर्णन कीजिए।

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Answered by DreamBoy786
1

Answer:

Explanation:

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का वर्गीकरण

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) को सार्वजनिक क्षेत्र (पीएसयू) उद्यम, केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों) के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।

केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (सीपीएसई) भी 'सामरिक'और 'गैर रणनीतिक' श्रेणी में वर्गीकृत हैं। सामरिक सीपीएसई के क्षेत्र हैं:

हथियार और गोला बारूद और रक्षा उपकरणों व वस्तुओं और हवाई जहाज व युद्धपोतों से संबद्ध।

परमाणु ऊर्जा (परमाणु ऊर्जा और विकिरण और रेडियो आइसोटोप के उपयोग से कृषि, चिकित्सा और गैर सामरिक उद्योगों के संचालन से संबंधित क्षेत्रों को छोड़कर)

रेल परिवहन

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