क्या सचमुच सूरदास जी वात्सल्य रस के कवि माने जाते थे?क्यों उत्तर दें।
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dnt kno!!pta nhi!!sry!!
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महाकवि सूरदासजी को बाल सुलभ चित्रण के वजह से विश्व में सबसे अलग स्थान दिया गया है।
सूर के वात्सल्य वर्णन की तुलना किसी और कवि से करना अर्थात सूरदास जी का अपमान करने जैसा है।
सूरदास जी मनोवैज्ञानिक विश्लेषण के आधार पर बालक कृष्ण के हर एक रुप का वर्णन बहुत ही डूबकर किया है।
यही कारण है कि सूरदास जी को वात्सल्य सम्राट कवि भी माना जाता है।
सूर के वात्सल्य वर्णन की तुलना किसी और कवि से करना अर्थात सूरदास जी का अपमान करने जैसा है।
सूरदास जी मनोवैज्ञानिक विश्लेषण के आधार पर बालक कृष्ण के हर एक रुप का वर्णन बहुत ही डूबकर किया है।
यही कारण है कि सूरदास जी को वात्सल्य सम्राट कवि भी माना जाता है।
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