क्या तुमने कभी किसी जानवर या पशु पक्षी की मदद की हैं, अपने विचा ५०-७० शब्दों में व्यक्त कीजिए
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विषय : क्या तुमने कभी किसी जानवर या पशु पक्षी की मदद की हैं उसपर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
मे विजय दिनकर पुणे शहर का निवासी, में तिलक विद्यालय में पढ़ता था। मई का महीना था लगभग हमारी परीक्षा खत्म ही हुई थी।और हम सब मित्र आखरी पेपर देने के लिए विद्यालय पहुंचे। में हमेशा की तरह अपने आसनपे बैठा पेपर छुड़ाने लगा। पेपर छुडानेके बाद हमारे अध्यापकने हमे कुछ सूचनाएं देने के लिए कक्षा में ही रुकने के लिए कहा और हमारे अध्यापक कशासे प्रस्थान कर गए। और हम सब विद्यार्थी इतने शांत स्वभाव के तो नही थे की कक्षा में शोर शराबा ना करे।
अचानक मुझे क्या सूझा पता नही में अपने आसनसे उछाल कर खिड़कीके पास जाकर खड़ा हो गया तभी मुझे एक चिड़िया की ची ची सुनाई दी। मेने अपने मित्र से कहा, अरे अथर्व ईधर आना तो। क्या तुम्हे ची ची सुनाई दे रही हे। जब हमने बाहर जाकर देखा तो एक पेड़ के नीचे एक चिड़िया पतंग के मांजे में फसी हुई थी। जब हम चिड़िया के पास गए तो वो जोर से ची ची करने लगी। जब हमने उसके पैर मांजे से निकाले तो उसके पैर से तोड़ा खून निकल रहा था। हमने हमने विद्यालय की प्राथमिक उपचार पेटी से चिड़िया की पट्टी की उसे पानी पिलाया कुछ समय बाद चिड़िया ची ची करते हुए अपने घोंसले में जाकर बैठ गई। यह छोटीसी पक्षी की मदत करने पर हमे बहुत अच्छा लगा।
जब हम अगली कक्षा के लिए विद्यालय पहुंचे तब वो चिड़िया अपने मधुर सुर में अपने बच्चों के साथ ची ची कर रही थी।
Explanation:
I had written the answer in English so that it's expressible, understandable for everyone !
Yes, I had helped an animal in my life. It was in 2016, I guess, I was coming from my school to home by auto, then a small and cute puppy, was crying on the road in front of our apartment, then I went near it to see what happened, then It slowly started to come near me and lick my hand, I felt so happy and delighted, I searched for that puppy's mom for about one hour without going to my home, then I decided to take it to my house, but there's an issue, that is I already have my own dog, named Cherry!, I was tensed and had no idea what to do. Then I took it my home and showed it to my mom and dad, I requested and pleased them to allow the puppy to keep with me, I said I'll keep only for few days, when we get his mom we'll leave him. They accepted, and I tightly hugged my mom and dad, because my happiness was in peaks! First I had taken it to the balcony and gave it a cool bath and made it look clean, then when Cherry saw it, it was barking continuously, then I tried to talk because my dog understands human language, then it listened and started playing with that puppy, the I informed the information to all of my friends and we started finding his mom, finally after one week his mom has come to our home and started barking for his son, the puppy went happily, licking me and Cherry and our friends, his mom thanked us, we all felt happy but I and Cherry felt much happy and delighted than everyone because we helped him.