) क्या देकर घीसा ने तरबूज़ खरीदा?
Answers
घीसा ने अपना नया कुर्ता देकर तरबूज खरीदा था।
‘घीसा’ लेखिका महादेवी वर्मा द्वारा लिखित एक संस्मरण है, जो उनके जीवन में घटित हुआ था। घीसा एक यह एक गरीब बालक था, जिसे लेखिका पढ़ाया करती थी।
इस संस्मरण में उन्होंने अपने एवं घीसा के बीच आत्मीयतपूर्ण संबंधों का वर्णन किया है। घीसा एक गरीब बालक था जिसकी मां विधवा थी और उसके पिता का देहांत उसके जन्म से पहले ही हैजे के कारण हो गया था। वह लेखिका के पास पढ़ने आता था। घीसा का पढ़ाई के प्रति बेहद लगाव था। लेखिका एवं घीसा के बीच गुरु शिष्य का आत्मीय संबंध बन गया था।
एक दिन जब लेखिका पाठशाला से अवकाश लेकर कुछ महीने के लिए बाहर जा रही होती हैं तो घीसा लेखिका को भेंट में देने के लिए एक तरबूज लेकर आता है। बाद में लेखिका को पता चलता है कि उस तरबूज को हासिल करने के लिए घीसा ने अपना नया कुर्ता दे दिया था। यह पता चलते ही लेखिका अपने शिष्य की श्रद्धा से अभिभूत हो जाती है। वो घीसा द्वारा दिये तरबूज को अनोखी गुरुदक्षिणा मानती है।