क्या विद्यालय में परीक्षाएं होनी चाहिए या नहीं इसके पक्ष में अपने विचार व्यक्त कीजिए। वाद विवाद प्रतियोगिता
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परीक्षा में अक्सर छात्र-छात्राएं फेल-पास होते हैं। सबसे बड़ा सच तो यह है कि परीक्षा में खुद परीक्षा फेल हो जाती है। परीक्षा में छात्रों के अलावा अन्य कारकों पर ध्यान ही नहीं दिया जाता। तात्पर्य यह कि परीक्षा में केवल छात्र-छात्राएं फेल नहीं होते, उनके साथ पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तक, शिक्षा-प्रणाली, शिक्षा-प्रशिक्षण, शिक्षा-व्यवस्था और अभिभावक की चेतना भी फेल होती है। अक्सर छात्रों के फेल-पास का तो मूल्यांकन होता है, मगर उक्त कारकों का या तो मूल्यांकन होता नहीं, या होता भी हो तो उसे प्रकट नहीं किया जाता।
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