क्या विद्युत उत्पादन के लिए हमें कोयले पर निर्भर रहना चाहिए ?इसके क्या क्या विकल्प है |
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कोयला एक प्राकृतिक संसाधन है, प्राकृतिक संसाधन दो तरह के होते हैं। नवीकरणीय संसाधन और और नवीकरणीय संसाधन।
नवीकरणीय संसाधन प्रकृति में सतत रूप से उपलब्ध रहते हैं, यानि उनके नवीनीकरण की प्रक्रिया चलती रहती है और वे कभी समाप्त नहीं होते। जैसे कि पानी, वायु, मिट्टी, वन आदि। जबकि और अनवीकरणीय संसाधन एक सीमित मात्रा में प्रकृति में उपलब्ध होते हैं। यानि ये कुछ वर्षों बाद पूरी तरह समाप्त हो जाने वाले हैं।
कोयला जैविक खनिज का ही उदाहरण है, जो अनवीकरणीय प्राकृतिक संसाधन है अर्थात इसकी मात्रा प्रकृति में सीमित है और एक न एक दिन समाप्त हो जानी है। ऐसी स्थिति में विद्युत उत्पादन के लिए कोयले पर पूरी तरह निर्भर रहना बिल्कुल भी उचित नहीं है। हमें विद्युत उत्पादन के दूसरे अन्य विकल्प तलाशने होंगे ताकि विद्युत उत्पादन की प्रक्रिया अनवरत चालू रहे। यदि विद्युत उत्पादन के लिए कोयले पर निर्भरता रखेंगे तो भविष्य में कोयले की समाप्त होने की दशा में विद्युत उत्पादन प्रभावित होगा।
विद्युत उत्पादन के लिये आवश्यक संसाधनों में अन्य स्रोत हैं, जैसे नाभिकीय ऊर्जा, सौर ऊर्जा आदि। नाभिकीय ऊर्जा से विद्युत उत्पादन आजकल सबसे बड़े विकल्प में आया है, जो विद्युत उत्पादन की बड़ी मात्रा प्रदान करता है। सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन सतत् विद्युत उत्पादन प्रदान करता है। पवन चक्की भी विद्युत उत्पादन का सतत् विकल्प है।