Hindi, asked by gg3686924, 10 months ago

कोयल की क्या इच्छा है ?​

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Answered by Anonymous
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मुंबई की सड़क पर एक दोपहर मैं कहीं जा रहा था, अपने ही ख्यालों में मग्न, अपनी ही मस्ती में डूबा, क्योंकि रचनाशील होने का एवं रचनात्मक कार्यों के लिए ही जीवन समर्पित कर देना का एक लाभ तो मिलता ही है कि मनुष्य कभी भी तन्हा नहीं रहता। कुछ न कुछ विचार, कुछ न कुछ ख्यालात या फिर कोई नई कल्पना मनुष्य के दिलोदिमाग को गतिशील रखती है। आप लाख चाहकर भी बिल्कुल तन्हा नहीं रह सकते और पलकें बंद होने तक की मानसिक हलचल रात्रि में स्वप्न में भी तन्हा नहीं रहने देती। तभी तो एक रात मैं अपनी सुपरहिट फिल्म ‘आग लगा दो दुनिया में’ रिलीज कर रहा था। थियेटर में टिकट खरीदने के लिए मारामारी हो रही थी। थियेटर के कैंपस में दर्शकों की भारी भीड़ जुटी थी, और मैं अत्याधिक प्रसन्न था कि दर्शक फिल्म को देखने के लिए पगलाए जा रहे हैं। तभी अचानक मेरी नींद खुल गई और मेरी सारी खुशियां लुप्त हो गईं क्योंकि मैं अपने बिस्तर पर था। लेकिन मुझे अपनी फिल्म के लिए एक अच्छा नाम (शीर्षक) मिल गया जिसके लिए मैंने इतनी जबरदस्त कहानी लिखी है कि फिल्म हर हाल में सुपरहिट होगी, लेकिन फाइनैंसर नहीं मिल पाया है और गाड़ी अटकी पड़ी है।

फिलहाल मैं चला जा रहा था कि एक मीठी सी, प्यारी सी महीन आवाज मेरे कानों में आई। मेरी चिंतनऋंखला भंग हो गई और कदम ठिठकने से लगे। मैंने निगाहें आसपास के पेड़ों पर दौड़ाईं। कहीं कुछ भी नजर नहीं आया। बड़े-बड़े विशाल पेड़ इस तरह खामोश खड़े थे मानो वे प्लास्टिक के पेड़ हों, जिन पर न तो किसी मौसम का असर होता है और न ही किसी तरह के सृजन की संभावना होती है। पत्तों की हरियाली को उड़ती धूल ने धूमिल कर दिया था। धीरे-धीरे मैं बढ़ा जा रहा था कि फिर वही आवाज कानों में आई। मैं चौंक उठा, ‘अरे! यह तो कोयल की आवाज है।’ निगाहों को ऊपर किया तो कोयल कहीं नजर नहीं आई। शायद दूर कहीं वह पत्तों में छिपी हुई थी। मैं वहां रुक गया तथा आह्लादित हो उठा क्योंकि मुंबई में पहली बार कोयल की कूक सुनाई पड़ी थी। कोयल लगातार चार-पांच बार कू.. कू.. बोलती रही, लेकिन किसी को फुर्सत कहां थी कि वह रुक कर कोयल की मीठी तान सुने तथा उस पर गौर करे। सब पूर्ववत भागे जा रहे थे, बेचैन, बदहवास, अपनी-अपनी मंजिल की तरफ। कोयल भी थक कर चुप हो गई। शायह वह समझ गई थी कि उसके मीठे स्वरों का यहां कोई कद्रदान नहीं है। बिहार का कोई गांव होता, तो कोई न कोई कोयल की कूक का जवाब उसी तान में जरूर देता।

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