कबीर.
6. 'अरे इन दोहुन राह न पाई' पद में किन आडंबरों और कुरीतियों की निंदा की गई है ?
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अरे इन दोहुन राह न पाई' पद में किन आडंबरों और कुरीतियों की निंदा की गई है ?
अरे इन दोहुन राह न पाई' पद में कबीर जी ने मुसलमानों और हिन्दुओं क लिए बोल रहे है , उनका अर्थ है कि दोनों धर्म के आडंबरों में उलझे हुए है| यह दोनों सच्चे रास्ते से भटके हुए है| धार्मिक आडंबरों को धर्म मानकर चल रहे है | यह दोनों आपस में एक दूसरे को निचा दिखाने में लगे हुए है| यह दोनों लोग जितना चाहते है| कोई भी सच्चाई के रास्ते में नहीं चलना चाहते है|
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