कबीर घास की निंदा करने से क्यों मन को है।
पर दोहे के आधार क्पष्ट कीजिए?
answer - कबीर घास को bhi निंदा
करने से इसलिए मना करते है कि निंदा
करने वाला व्यक्ति us समय अभिमान के कारण
उस वस्तु
के गुणों पर ध्यान नहीं दे पाता है ।
जैसे घास की नन्हे तिनके को मुख्य पैरों
तले कुचलते समय यह bhool जाता है कि यह
तिनका ankhoom में पड़कर उसकेलिए दुखदायी
बन सकता है । ( PLEASE EXPLAIN IN ENGLISH , BOTH QUESTION AND ANSWER PLEASE ) I WILL MARK YOU THE BRAINLLIEST
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कबीर घास की निंदा करने से क्यों मन को है।
पर दोहे के आधार क्पष्ट कीजिए?
answer - कबीर घास को bhi निंदा
करने से इसलिए मना करते है कि निंदा
करने वाला व्यक्ति us समय अभिमान के कारण
उस वस्तु
के गुणों पर ध्यान नहीं दे पाता है ।
जैसे घास की नन्हे तिनके को मुख्य पैरों
तले कुचलते समय यह bhool जाता है कि यह
तिनका ankhoom में पड़कर उसकेलिए दुखदायी
बन सकता है ।
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कबीर घास को भी निंदा करने से मना कर ते है
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