Hindi, asked by Deepesh5970, 1 year ago

कबीर घास की निंदा करने से मना करते हैं। कबीर के दोहे में 'घास' का विशेष अर्थ क्या है और कबीर के उक्त दोहे संदेश क्या है?

Answers

Answered by nikitasingh79
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कबीर के दोहे में घास का अर्थ निम्नवर्गीय लोगों से है। जो सभी के पांव के नीचे दबा रहता है अर्थात जो अभावग्रस्त और दुखी है।  कवि कहते हैं कि हमें निम्नवर्गीय अर्थात गरीब लोगों की निंदा या अपमान नहीं करना चाहिए , क्योंकि जागृत होने पर ये लोग ही कष्ट देने वालों के लिए कष्ट और दुख का कारण बन जाते हैं और कष्ट देने वालों को अत्यधिक कष्ट एवं पीड़ा पहुंचाता है।आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।‌
Answered by somaliaga2faridabad
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This is because we should not consider anybody as big or small.

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