Hindi, asked by manassingh90, 3 months ago

कबीर जी ने माला फेरने को व्यर्थ क्यों बताया हैं ? इससे उनकी किस विशेषता का पता चलता है।​

Answers

Answered by khushikumari10
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Answer:

कबीर जी के अनुसार माला फेरना व्यर्थ है ।आशय है कि भगवान हमारी मन मंदिर में है उसे बाहर के व्यर्थ कर्म कांडों में ढूंढने से कोई लाभ नहीं है। यदि ईश्वर की प्राप्ति करनी है तो माला फेरना यानी व्यर्थ के अंधविश्वास को खुद से दूर करना होगा और स्वयं में ईश्वर को ढूंढना होगा ।इससे यह पता चलता है कि कबीर जी अंधविश्वास को खत्म करना चाहते हैं तथा मनुष्य को मन रूपी मंदिर का ज्ञान देना चाहते हैं ।

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