Hindi, asked by rohitbreth, 2 months ago

कबीर के 10 दोहे लिखे​

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Answered by poddarti989
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1) पानी केरा बुदबुदा, अस मानस की जात ।

पानी केरा बुदबुदा, अस मानस की जात ।देखत ही छुप जाएगा है, ज्यों सारा परभात ।

2) माटी कहे कुमार से, तू क्या रोंदे मोहे ।

माटी कहे कुमार से, तू क्या रोंदे मोहे ।एक दिन ऐसा आएगा, मैं रोंदुंगी तोहे ।

3) दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय ।

दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय ।जो सुख में सुमिरन करे, तो दुःख काहे को होय ।

4) बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय ।

बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय ।जो मन देखा आपना, मुझ से बुरा न कोय ।

5) निंदक नियेरे राखिये, आँगन कुटी छावायें ।

निंदक नियेरे राखिये, आँगन कुटी छावायें ।बिन पानी साबुन बिना, निर्मल करे सुहाए ।

6) बड़ा भया तो क्या भया, जैसे पेड़ खजूर ।

बड़ा भया तो क्या भया, जैसे पेड़ खजूर ।पंथी को छाया नहीं फल लागे अति दूर ।

7) ऐसी वाणी बोलिए मन का आप खोये ।

ऐसी वाणी बोलिए मन का आप खोये ।औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए

8) यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान ।

यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान ।शीश दियो जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान ।

9) गुरु गोविंद दोउ खड़े, काके लागूं पाँय ।

गुरु गोविंद दोउ खड़े, काके लागूं पाँय ।बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो मिलाय॥

10) सब धरती काजग करू, लेखनी सब वनराज ।

सब धरती काजग करू, लेखनी सब वनराज ।सात समुद्र की मसि करूँ, गुरु गुण लिखा न जाए ।

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