कबीर के अनुसार व्यक्ति ज्ञानी कैसे बनता है ?
क.पोथी पढ़ने पर
ख.भजन करने पर
ग.परमात्मा के प्रेम का एक अक्षर पढ़ने पर
घ.राम का नाम जपने पर
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भावार्थ: मोटी-मोटी पुस्तकें पढ़कर संसार में कितने ही लोग मृत्यु के द्वार पहुंच गए, लेकिन वे सभी विद्वान नहीं बन सके। कबीर मानते हैं कि यदि कोई प्रेम के ढाई अक्षर ही अच्छी तरह पढ़ ले या प्यार के वास्तविक रूप पहचान ले तो वही सच्चा ज्ञानी है। यह प्रेम सिर्फ प्रियव्यक्ति से नहीं बल्कि आस-पास के सभी चराचर जीवों से
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कबीर के अनुसार व्यक्ति ज्ञानी वह होता है-
ग.परमात्मा के प्रेम का एक अक्षर पढ़ने पर
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